The Kerala Story फिल्म को मिला 'A' सर्टिफिकेट, विवाद के बाद हटाए 10 सीन

The Kerala Story Controversary: अपकमिंग फिल्म 'द केरल स्टोरी' पर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। निर्देशक सुदीप्तो सेन की हिंदी फिल्म द केरल स्टोरी, पिछले साल टीजर लॉन्च होने के बाद से ही चर्चा में है। इन दिनों फिल्म विवाद का यह मामला राजनीतिक गलियारों तक पहुंचा हुआ है। केरल की सत्ताधीश पार्टी लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट-कांग्रेस और भाजपा के बीच जंग छिड़ी है।
द केरल स्टोरी फिल्म विवाद मामले में सामने आए ताजा अपडेट के मुताबिक, 5 मई को रिलीज होने वाली इस फिल्म को सेंसर बोर्ड ने 'ए' सर्टिफिकेट दिया है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) ने कथित तौर पर 10 सीन को हटा दिया, उनमें से एक केरल के पूर्व मुख्यमंत्री के साथ एक साक्षात्कार था। कहा जा रहा है कि एक अन्य दृश्य जिसे कथित तौर पर हटा दिया गया था, उसमें सभी हिंदू देवताओं के संवाद और अनुचित संदर्भ थे। कुछ संवादों को स्पष्ट रूप से बदला भी किया गया था। इसके अलावा, सेंसर बोर्ड ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से भारतीय शब्द इसमें से हटा दिया गया है।
केरल के पूर्व सीएम का साक्षात्कार हटाया गया
सेंसर बोर्ड ने द केरल स्टोरी फिल्म से केरल के एक पूर्व मुख्यमंत्री का टीवी साक्षात्कार भी हटा दिया गया है। इसमें उन्होंने कहा था कि अगले दो दशकों में केरल एक मुस्लिम बहुल राज्य बन जाएगा, क्योंकि युवाओं को इस्लाम में परिवर्तित होने के लिए प्रभावित किया जा रहा था। सीबीएफसी ने आदेश दिया कि इस पूरे टीवी साक्षात्कार को फिल्म से हटा दिया जाए।
द केरल स्टोरी फिल्म विवाद क्या है
सुदिप्तो सेन की द केरल स्टोरी फिल्म में 32,000 महिलाओं के धर्म परिवर्तन की कहानी दिखाई गई है। नवंबर 2022 को द केरल स्टोरी का टीजर में रिलीज हुआ था। टीजर में शालिनी उन्नीकृष्णन उर्फ फातिमा बा नाम की एक पात्र कहती है कि 32,000 महिलाओं को केरल में इस्लामिक स्टेट (IS) आतंकवादी समूह द्वारा भर्ती किया गया था और वह उनमें से एक थी। इन महिलाओं को अफगानिस्तान और सीरिया जैसे देशों में जाने के लिए भड़काया जा रहा है।
दक्षिणपंथी और वामपंथियों के बीच विवाद
फिलहाल केरल सरकार और विपक्ष के नेताओं ने राज्य में फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। सीपीएम और कांग्रेस नहीं चाहते थे कि हिंदी फिल्म वहां रिलीज हो, लेकिन फिल्म प्रदर्शकों ने एक अलग राय साझा की। फिल्म प्रदर्शकों ने कहा कि दर्शक अंततः फिल्म को ओटीटी पर देखेंगे, इसलिए बेहतर है कि इसे सिनेमाघरों में रिलीज किया जाए। वहीं, दूसरी तरफ केरल में मुस्लिम यूथ लीग ने 32,000 मलयाली महिलाओं को वास्तव में आईएस द्वारा कट्टरपंथी साबित करने वाले को 1 करोड़ रुपये का इनाम देने की घोषणा की है। इसके ठीक विपरित दक्षिणपंथी कार्यकर्ता और हिंदू सेवा केंद्र के प्रतीश विश्वनाथ ने कहा कि कोई यह साबित कर दे कि केरल से कोई आईएस में शामिल होने के लिए सीरिया नहीं गया, तो उसे 10 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।
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