केंद्र सरकार जमा कराएगी कंपनियों के कर्मचारियों का पीएफ, ऐसे उठा सकते हैं लाभ

कोरोना वायरस के बीच नुकसान से जूझती कंपनियों के लिए राहत की खबर है। कंपनियों के कर्मचारियों का पीएफ केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार जमा कराएगी। निजी कंपनियों जहां के 90 फीसदी कर्मचारियों का वेतन 15 हजार रुपए से कम है, ऐसे कर्मचारियों का तीन महीने तक का पीएफ का भुगतान केंद्र सरकार करेगा। संगठन ने स्पष्ट किया है कि अंशदान कुल वेतन का 24 फीसदी राशि अंशदाता सदस्यों के खाते में रिलीफ के रूप में प्रदान किया जाएगा।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) से मिली जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार ने ऐसी कंपनियों को रीलिफ देने के लिए 26 मार्च को कोरोना वायरस से लड़ने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना लांच की है। इसे पैकेज के एक भाग के रूप में अल्प वेतन प्राप्त करने वाले ईपीएफ अंशदाताओं के रोजगार में व्यवधान को रोकने व कर्मचारियों को रोजगार प्रदान करने वाले संस्थानों को संरक्षण देने के लिए इपीएफ एवं ईपीएस अंशदान 3 माह तक (वेतन का 24 फीसदी) सभी अंशदाता सदस्यों को रिलीफ के रूप मे भुगतान करेगी। यह सुविधा उन्हीं कंपनी को मिलेगा जहां 90 फीसदी या उससे अधिक कर्मचारी 15 हजार रुपए से कम वेतन प्राप्त करते हैं।
उक्त पैकेज को लागू करने के लिए केंद्र के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने योजना अधिसूचित (नोटिफाई) की है। इसमें उद्देश्य, पात्रता, मानदंड, वैधता, अवधि प्रक्रिया और राहत का लाभ प्राप्त करने के तरीके को निर्दिष्ट किया गया है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन इलेक्ट्रॉनिक तंत्र ईसीआर के माध्यम से नियोक्ताओं को अपने योग्य कर्मचारियों के संबंध में राहत लेने के लिए सक्षम बनाता है।
योग्य नियोक्ता इस योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए कर्मचारी का वेतन, मजदूरी का भुगतान करेगा और ईसीआर अपलोड करने के साथ आवश्यक प्रमाण पत्र और घोषणा देना सुनिश्चित करेगा। ईसीआर अपलोड होने के बाद और संस्थान एवं कर्मचारियों की पात्रता को जांचने के उपरांत केंद्र सरकार की ओर से योग्य कर्मचारियों का अंशदान एवं नियोक्ता अंशदान तथा बचा हुआ अंशदान जो कि नियोक्ता की ओर से देय है, अलग-अलग दिखाई देगा।
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