चंद्रबाबू का मिशन गठबंधन, विपक्षी नेताओं से कर रहे ताबड़तोड़ मुलाकात

लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण का प्रचार खत्म होते ही विपक्ष गठबंधन की कवायद में जुट गया है। कई दल ये मान रहे हैं कि इस बार किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिलने वाला है। ऐसी स्थिति में सत्तारूढ़ एनडीए और विपक्षी खेमा ज्यादा से ज्यादा नंबर अपने पाले में लाने की प्रक्रिया में जुटा हुआ है।
तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के प्रमुख और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू 'चुनाव बाद गठबंधन' के मिशन पर काम कर रहे हैं। वह दिल्ली में विपक्ष के विभिन्न नेताओं से सिलसिलेवार तरीके से मुलाकात कर रहे हैं। उन्होंने माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी और आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल से शुक्रवार देर शाम मुलाकात की।
चंद्रबाबू नायडू ने कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी से पहले मुलाकात की और अपने एजेंडे को साझा किया। दोनों ने पश्चिम बंगाल में चुनाव अभियान पर समय से पहले प्रतिबंध लगाने, देशभर में ईवीएम की खराबी और चुनाव आयोग के रवैये सहित कई मुद्दों पर चर्चा की। बताया जा रहा है कि चंद्रबाबू नायडू यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलना चाहते थे।
कांग्रेसी नेताओं से मिलने के बाद नायडू ने माकपा के वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी से मुलाकात की और उनसे राजनीतिक हालात पर चर्चा की। शनिवार को नायडू ने एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार से मुलाकात की। इससे पहले उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से भी मुलाकात की।
Andhra Pradesh CM and Telugu Desam Party (TDP) Chief N. Chandrababu Naidu met Nationalist Congress Party (NCP) President Sharad Pawar in Delhi, earlier today. pic.twitter.com/vGBXbInO9P
— ANI (@ANI) May 18, 2019
विपक्षी एकता को लेकर रहे हैं मुखर
नायडू पहले से ही विपक्षी एकता को लेकर मुखर रहे हैं और कहते रहे हैं कि यह नरेंद्र मोदी को सत्ता से बेदखल करने और भाजपा को हराने का सबसे कारगर तरीका है। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के साथ दो-दो हाथ कर रहीं ममता बनर्जी के प्रति भी नायडू समर्थन जता चुके हैं। बताया जा रहा है कि नायडू राहुल गांधी से मुलाकात के बाद बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती और सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात करेंगे।
राहुल ने गठबंधन की संभावनाओं की ओर संकेत किया
शुक्रवार को दिन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने चुनाव बाद गठबंधन की संभावना की ओर संकेत किया। उन्होंने उम्मीद जताई कि मायावती और अखिलेश यादव भाजपा के साथ नहीं जाएंगे। उनका कहना था कि, मुझे नहीं लगता कि मायावती, अखिलेश या टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू भाजपा के साथ जाएंगे। राहुल गांधी के इस बयान से गठबंधन की कवायद को तेजी देना माना जा रहा है।
माना जा रहा है कि चंद्रबाबू नायडू बीते दिनों कांग्रेस और महागठबंधन नेताओं के बीच हुई जुबानी जंग से आई तल्खी को भी दूर करेंगे। चुनाव बाद विपक्षी दलों के एकजुट होने के प्रयास की गंभीरता का अंदाजा राहुल गांधी और चंद्रबाबू नायडू द्वारा चुनाव आयोग पर सवाल उठाए जाने से भी लगाया जा सकता है।
निर्वाचन आयोग पहुंचे थे चंद्रबाबू
विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात से पहले चंद्रबाबू नायडू निर्वाचन आयोग पहुंचे थे। वहां से निकलने के बाद उन्होंने चुनाव में निष्पक्षता के सवाल पर निर्वाचन आयोग को आड़े हाथों लिया। वहीं दिन में प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने भी निर्वाचन आयोग पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाया। मायावती और ममता पहले ही चुनाव आयोग पर सवाल उठा चुकी हैं। बहरहाल, चंद्रबाबू नायडू ने अभिषेक मनु सिंघवी, सीताराम येचुरी और अरविंद केजरीवाल से मिलकर सियासी गलियारे में सरकार गठन को लेकर पारा बढ़ा दिया है।
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