चंद्रयान 2: लैंडर से संपर्क में सिर्फ एक सप्ताह का वक्त, इस एक वजह से डरे ISRO वैज्ञानिक

चंद्रयान 2: लैंडर से संपर्क में सिर्फ एक सप्ताह का वक्त,  इस एक वजह से डरे ISRO वैज्ञानिक
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चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिग से पहले इसरो से विक्रम का संपर्क टूट गया था। वैज्ञानिकों के मुताबिक, बीत रहे वक्त के साथ विक्रम का जिवन खत्म होने के आसार भी बड़ते जा रहे हैं। अभी सिर्फ लैंडर से संपर्क के लिए 7 दिनों का वक्त है।

चांद की सतह पर लैंड हुए विक्रम लैंडर से इसरो के वैज्ञानिक लगातार संपर्क कर रहे हैं लेकिन अभी तक कोई कामयाबी नहीं मिली है। ऐसे में अब अमेरिका की नासा स्पेस एजेंसी ने भी विक्रम से संपर्क करने में मदद कर रही है।

लैंडर से संपर्क में हो रही देरी की वजह से लगातार उम्मीदें खत्म हो रही है। इसरो के वैज्ञानिक बिना हार माने विक्रम से संपर्क साधने की कोशिशों में लगे हुए हैं। दिन रात विक्रम लैंडर से संपर्क करने की कोशिशें जारी हैं।


सिर्फ इसरो (ISRO) ही नहीं यहां तक कि अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा (NASA) भी विक्रम से संपर्क साधने में इसरो की मदद कर रहा है।चंद्रमा पर सात सितंबर को निर्धारित सॉफ्ट् लैंडिग से पहले विक्रम लैंडर का इसरो से संपर्क टूट गया था। अब प्रतिदिन विक्रम से संपर्क करने की कोशिशें कम होती जा रही हैं।

खत्म हो रही है विक्रम की बैटरी

विक्रम से संपर्क साधने के लिए अब भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो के पास केवल एक हफ्ते का वक्त बचा है।इसरो के एक वैज्ञानिक का कहना है कि विक्रम व प्रज्ञान रोवर को चांद की सतह पर 14 दिन के बराबर समय गुजारना था।

उस क्षमता के अनुसार विक्रम की बैटरी तैयार की गई थी। लेकिन अब धीरे धीरे उसकी बैटरी खत्म होती जा रही है। बैटरी के खत्म हो जाने की बाद विक्रम से संपर्क करना नामुम्किन हो जाएगा।

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