Chandrayaan-3: अभी तक नहीं जागे विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर, इसरो 12 दिनों तक करेगा संपर्क

Chandrayaan-3: चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को जब स्लीप मोड में डाला गया था, तब उनके कुछ उपकरण को जगते रहने का निर्देश दिया गया था ताकि इसरो के द्वारा भेजा जाने वाला मैसेज रिसीव कर ले। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) लगातार संपर्क कर रहा है। हालांकि, अभी तक किसी भी तरह की प्रतिक्रिया नहीं आ रही है। इसरो की टीम 6 अक्टूबर तक संपर्क करने का प्रयास करती रहेगी, क्योंकि 6 अक्टूबर तक ही सूरज की किरणें चांद पर आती रहेंगी।
इसरो ने दी जानकारी
इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ (Somnath) ने कहा कि हम नहीं जानते हैं कि यह कब जागेगा। यह कल हो सकता है या यह चंद्र दिवस के आखिरी दिन भी हो सकता है, लेकिन हम कोशिश कर रहे हैं। अगर विक्रम लैंडर (Vikram Lander) और प्रज्ञान रोवर (Pragyan Rover) जाग गए तो यह एक बड़ी कामयाबी होगी। हालांकि, वैज्ञानिकों की तरफ से ऐसा भी दावा किया जा रहा है कि जैसे-जैसे चांद पर तापमान में बढ़ोतरी होगी, वैसे ही संपर्क होने की संभावना ज्यादा है।
इससे पहले, सोमनाथ ने बताया था कि जहां रोवर का परीक्षण कम तापमान में जिंदा रहने के लिए किया गया है, वहीं विक्रम लैंडर के लिए ऐसा नहीं किया गया है। वहीं, वैज्ञानिकों ने यह भी कहा कि चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) के विक्रम और रोवर को स्लीप मोड में डालने से पहले बैटरियों को पूरी तरह से चार्ज कर दिया गया था और सौर पैनलों को इस तरह से रखा गया था कि सूरज के उगते ही रोशनी की किरणें उस तक पहुंचे। इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क (ISTRAC) की टीमों ने उपकरणों को जिंदा करने के लिए कमांड देना शुरू कर दिया।
बड़े काम आएंगे विक्रम-प्रज्ञान
इसरो ने जानकारी देते हुए कहा था कि अपने 14 दिनों के काम के दौरान रोवर ने चांद के साउथ पोल की तस्वीरें साझा की थी। इसके अलावा चांद पर सल्फर और भी कई तत्वों की खोज की थी। इसरो (ISRO) का कहना है कि विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर ने पहले 14 दिन जो काम किए बड़ी उपलब्धि है और उन्होंने काफी सारा डेटा भी भेज दिया है। इस डेटा का विश्लेषण करके ही कुछ नतीजा सामने आ पाएगा। हालांकि, अगर विक्रम और पज्ञान नहीं भी जागे तो वह चांद पर ही बतौर एंबेस्डर मौजूद रहेंगे।
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