Congress Chintan Shivir: कांग्रेस ने खोज लिया पराजय का कारण, प्रधान संपादक डॉ हिमांशु द्विवेदी की सुपर Exclusive रिपोर्ट में बड़ा खुलासा

राजस्थान (Rajasthan) के उदयपुर (Udaipur) में शुक्रवार (13 मई) से जारी कांग्रेस पार्टी के तीन दिवसीय चिंतन शिविर (Congress Chintan Shivir) का आज समापन हो जाएगा। कांग्रेस नव संकल्प शिविर में नेतृत्व का मुद्दा छाया रहा। पार्टी के कई नेताओं ने प्रियंका गांधी वाड्रा को भी कांग्रेस अध्यक्ष बनाने की मांग की है। तो वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपनी सियासी जमीन को मजबूत करने के मकसद से अगले एक वर्ष में कश्मीर से कन्याकुमारी तक यात्रा पर करेंगे। कांग्रेस के चिंतन शिविर के दूसरे दिन राहुल गांधी की एक पदयात्रा पर चर्चा हुई और रविवार को इस प्रस्ताव को सीडब्ल्यूसी के सामने रखा जाएगा। लेकिन कांग्रेस के चिंतन शिविर के तीसरे और अंतिम दिन हरिभूमि-आईएनएच24x7 के प्रधान संपाकद डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने सुपर एक्सलूसिव खबर दी है।
प्रधान संपाकद डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने कहा कि कांग्रेस ने चिंतन शिविर के लिए देशभर के करीब 450 वरिष्ठ नेताओं को इकट्ठा किया। इस दौरान जानने की कोशिश की कि हम इतने बुरे हालात में कैसे पहुंच गए हैं। कांग्रेस रोड मैप तैयार करने की कोशिश कर रही है कि आगे हम खोए हुए वैभव को आगे कैसे प्राप्त करें। प्रधान संपाकद डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने बताया कि चिंतन शिविर में 6 समितियां बनाई गईं थी, जोकि सभी अलग-अलग मामलों की थी। जिनमें राजनीतिक समिति, संगठन समिति, आर्थिक समिति, कृषि समिति, युवाओं और सामाजिक संदर्भ में भी एक एक समिति थी।
डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने बताया कि इन 6 समितियों में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण राजनीतिक संदर्भ और संगठन समिति थी। संगठन समिति मुकुल वास्तनिक की अध्यक्षता में बात कर रही थी। दूसरी समिति थी राजनीतिक मामलों की समिति, जोकि राजनीतिक हालात के संदर्भ में बात कर रही थी। इसी समिति की अध्यक्षता कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे कर रहे थे। तमाम कांग्रेस के दिग्गज नेता इन दोनों समितियों में प्रमुखता में थे। जो राजनीतिक मामलों की समिति है, उसमें मल्लिकार्जुन खड़गे के अलावा गुलाम नबी आजाद, भूपेश वघेल, कमल नाथ, विवेक तन्खा, शशि थरूर और आनंद शर्मा के अलावा भी कई दिग्गज शामिल हैं। इस दौरान आचार्य प्रमोद कृष्णम ने सीधे तौर पर राहुल गांधी की मौजूदगी में यह कह दिया कि अब नेतृत्व का मसला और नहीं टाला जा सकता। आप तय कर लीजिए या तो आप अध्यक्ष पद का दायित्व संभाल लीजिए। जो हम तमाम कार्यकर्ताओं की भावना है... यदि आप नहीं बन रहे हैं तो प्रियंका गांधी को आगे कर दीजिए।
यहां देखें पूरी सुपर एक्सलूसिव रिपोर्ट
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