मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबड़े ने ई-संसाधन केंद्र न्याय कौशल का किया उद्घाटन

भारत के मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे ने शनिवार को महाराष्ट्र के नागपुर में न्यायिक अधिकारी प्रशिक्षण संस्थान में ई-संसाधन केंद्र न्याय कौशल का उद्घाटन किया। यह भारत के पहले ई-संसाधन केंद्र है। देश में न्यायिक व्यवस्था को तेज गति देने के लिए ई-संसाधन केंद्र न्याय कौशल बनाया गया है।
इस दौरान शरद अरविंद बोबडे ने कहा कि इस न्याय कौशल के माध्यम से देश भर के किसी भी उच्च न्यायालय और जिला न्यायालयों में न्याय के मामलों को ई-फिल यानी ऑनलाइन के जरिए मुकदमा दाखिल करने की सुविधा प्रदान करेगा।
Maharashtra: Chief Justice of India Sharad Arvind Bobde inaugurates India's first-ever E-resource centre Nyay Kaushal at Judicial Officers Training Institute in Nagpur.
— ANI (@ANI) October 31, 2020
Nyay Kaushal will facilitate e-filling of cases in SC, any High court & district courts across the country pic.twitter.com/M2t2fPCWAp
बोबडे के अलावा ये जस्टिस भी समारोह में थे मौजूद
इस समारोह में शरद अरविंद बोबडे के अलावा सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस भूषण गवई, बंबई हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता, जस्टिस ए.ए. सईद, जस्टिस रवि देशपांडे, जस्टिस नितिन जमादार और जस्टिस आरके शिंदे भी मौजूद थे।
हालांकि जस्टिस चंद्रचूड़ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस उद्घाटन समारोह में शामिल हुए।
बोबडे ने सुनाई कानून की पुरानी कहावत
हमने सुप्रीम कोर्ट के कार्य को प्रतिबंधित तरीके से करने की कोशिश की। लेकिन एहसास हुआ कि इसे सुरक्षित रूप से अदालत में जारी रखना संभव नहीं है। महामारी कुछ इस तरह से थी जैसे कि स्वर्ग गिर गया हो। लेकिन कानून में एक पुरानी कहावत है कि let justice be done though the heavens may fall.
मुझे यह कहते हुए बहुत गर्व हो रहा है कि अपने सहयोगियों के साथ, हम यह सुनिश्चित करने में कामयाब रहे हैं कि कानून का शासन कायम है।
प्रौद्योगिकी में अब भी है भारी कमी- बोबडे
वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर स्विच करने से समस्या पैदा हुई। जबकि न्याय को निर्बाध रूप से प्रशासित किया जाता रहा। लेकिन इसका उपयोग अब प्रौद्योगिकी-निर्भर बन गया। आज हम जिन सुविधाओं का उद्घाटन कर रहे हैं। वे इस असमानता को पाटने की दिशा में एक कदम है।
मुझे यकीन है कि यह आंदोलन पूरे देश में फैल जाएगा और इसे युद्ध-स्तर पर लाने की आवश्यकता है क्योंकि प्रौद्योगिकी तक पहुंच की कमी की असमानता अभी भी महान है।
2021 को सेवानिवृत होंगे जस्टिस बोबडे
बता दें जस्टिस बोबडे 12 अप्रैल, 2013 को सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश बने थे। उन्होंने अयोध्या राम जन्मभूमि मामले से लेकर अब तक कई ऐतिहासिक फैसला सुनाए हैं। जस्टिस बोबडे 23 अप्रैल, 2021 को सेवानिवृत होंगे।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS