CAA: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सीएए-एनआरसी का उठाया मुद्दा, कहा कोई जानकारी केन्द्र सरकार को मत दो

CAA : पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में अपनी एक रैली के दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर सीएए-एनआरसी और एनपीआर का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि कोई डॉक्यूमेंट्स मत दिखाओ। अगर वो आधार कार्ड सब्मिट करने के लिए कहते हैं या परिवार की डिटेल्स मांगते हैं तो वो भी तब तक मत दो जब तक मैं न कहूं।
West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee in Nadia: Don't show them any documents, if they ask you to submit your Aadhar card or details about your family, don't give it to them, until and unless I tell you directly. #NationalPopulationRegister pic.twitter.com/VmMhwOliPh
— ANI (@ANI) February 4, 2020
ममता बनर्जी ने कहा कि असम में एनआरसी के कारण सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं पश्चिम बंगाल में एनआरसी के डर से अभी तक 31 या 32 लोगों की मौत हुई है। बता दें कि पश्चिम बंगाल विधानसभा ने नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर दिया है। इसके अलावा राज्य विधानसभा ने पिछले साल 6 सितंबर को एनआरसी के खिलाफ भी रिजोल्यूशन पास किया था।
क्या है एनपीआर
एनपीआर देश के सामान्य नागरिकों की एक सूची है जो लोकल क्षेत्र में पिछले छह महीने या उससे अधिक समय से देश में रहता है या जो अगले छह महीने या उससे अधिक समय तक किसी क्षेत्र में रहना चाहता है। राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के लिए डेटा पहली बार 2010 में यूपीए सरकार द्वारा जमा किया गया था और यह हर 10 साल में जमा किया जाएगा। एनपीआर हर गांव, उप-जिला और जिला के निवासियों के डाटा को जमा करके तैयार किया जाएगा।
क्या है सीएए
नागरिकता संसोधन अधिनियम (सीएए) 12 दिसंबर 2019 को देश भर में लागू किया गया। इस कानून के दायरे में तीन देश पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान और बांग्लादेश आते हैं। ये कानून उन गैर-मुस्लिम लोगों पर लागू होता है जो इन तीन देशों में प्रतारित हुए हैं, और वहां से भाग कर आए हैं।
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