चीन एलएसी पर मिसाइल, आर्टिलरी गन और होवित्जर तोपें कर रहा तैनात

चीन एलएसी पर मिसाइल, आर्टिलरी गन और होवित्जर तोपें कर रहा तैनात
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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चीन की सेना ने बॉर्डर पर तनाव को देखते हुए तिब्बत में आर्टिलरी गन (Artillery gun), स्वचालित होवित्जर (Self-propelled howitzer) और सरफेस-टू-एयर (Surface-to-air) मिसाइल इकाइयों की तैनाती को बढ़ा दिया है।

पूर्वी लद्दाख (East Ladakh) में चीन-भारतीय सैनिकों (China-Indian soldiers) के हुई हिंसक झड़प के बाद से सीमा विवाद बढ़ गया है। भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख इलाके में तैनात सेना को पीछे हटाने को लेकर 9 दौर की सैन्‍य बातचीत हो चुकी है। लेकिन चीनी सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control, LAC) (एलएसी) पर तनाव कम करने का कोई संकेत नहीं दे रही है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चीन की सेना ने बॉर्डर पर तनाव को देखते हुए तिब्बत में आर्टिलरी गन (Artillery gun), स्वचालित होवित्जर (Self-propelled howitzer) और सरफेस-टू-एयर (Surface-to-air) मिसाइल इकाइयों की तैनाती को बढ़ा दिया है। इंडियन नेशनल सिक्योरिटी (Indian National Security, INS) प्लानर्स के अनुसार, चीन ने तीनों सेक्टरों में सेना की नई तैनाती शुरू कर दी। इतना ही नहीं सेना के साथ ही भारी सैन्य उपकरणों को एक से दूसरी जगह भेजा जा रहा है।

मिली जानकारी के मुताबिक, चीन भारत को उकसाने के लिए पैंगोंग त्सो के फिंगर क्षेत्रों में नया निर्माण कर रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय सेना को कुछ सबूत मिले हैं। इन सबूतों से मालूम होता है कि चीन के द्वारा साउथ ब्‍लॉक में सैनिकों की नई तैनाती की जा रही है। जिसमें 35 भारी आर्मी वाहन हैं, चार 155 एमएम के पीएलजेड, 83 स्वचालित होवित्जर आदि शामिल हैं। ये सभी बदलाव पीएलके कैंप में रखा गया है।

बता दें कि पीएलके कैंप नियंत्रण रेखा से 82 किमी की दूरी पर है। यह चूमार पूर्वी लद्दाख में पड़ता है। गौरतलब है कि एक महीने पहले भी चीन सेना के कैंप में बदलाव किए गए थे। साथ ही बड़ी संख्या में वाहन और हथियार लाए गए थे। चीन के द्वारा किया गया ये बदलाव रूडोक निगरानी सुविधा के पास और वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से करीब 90 किलोमीटर दूर था। इस दौरान चीन की सेना के लिए यहां पर 4 नए बड़े शेड और सैनिक क्वार्टर का निर्माण किया गया था।

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