कोरोना वायरस महामारी के बीच चीन की चाल, हिंद महासागर में कर रहा विस्तार की कोशिश

कोरोना वायरस महामारी के बीच चीन की चाल, हिंद महासागर में कर रहा विस्तार की कोशिश
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कोरोना की वैश्विक महामारी के बीच भी चीन की हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में विस्तारवादी नीति को लेकर चल रही कारगुजारियों पर भारतीय नौसेना पैनी नजर बनाए हुए हैं और किसी भी प्रकार की आपात परिस्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। नौसेना के सूत्रों ने बताया कि चीन कोरोना महामारी से प्रभावित होने वाला दुनिया का पहला देश था।

कोरोना की वैश्विक महामारी के बीच भी चीन की हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में विस्तारवादी नीति को लेकर चल रही कारगुजारियों पर भारतीय नौसेना पैनी नजर बनाए हुए हैं और किसी भी प्रकार की आपात परिस्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। नौसेना के सूत्रों ने बताया कि चीन कोरोना महामारी से प्रभावित होने वाला दुनिया का पहला देश था। जहां उसके वुहान शहर में सबसे पहले कोविड-19 ने दस्तक दी थी। लेकिन इसके बावजूद उसकी सशस्त्र सेनाओं की विस्तारवादी नीति को लेकर जारी योजना पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी पकड़ को मजबूत बनाने के लिए वह कड़ी कवायदें करने में जुटा हुआ है।

चौक्कनी है नौसेना

हाल ही में चीन की समुद्री डाकुओं से सुरक्षा प्रदान के लिए गठित की गई पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) की 35वीं चाइनीज एंटी-पाइरेसी एस्कॉर्ट फोर्स (एपीईएफ) ने हिंद महासागर क्षेत्र की ओर प्रस्थान किया है। यह उसकी अदन की खाड़ी में तैनात 34वीं एपीईएफ की जगह लेगी। इसके अलावा उसका इरादा बड़ी तादाद में तटरक्षकबल के जहाजों से लेकर सर्वे पोतों की विवादित दक्षिण चीन सागर में तैनाती करने को लेकर भी बना हुआ है। आंकड़ों के हिसाब से हिंद महासागर क्षेत्र में चीन के 5 से 7 युद्धपोत हमेशा तैनात रहते हैं।

यूं रखती नौसेना निगरानी

भारतीय नौसेना चीन की तमाम गतिविधियों पर अपनी इंटेलीजेंस, सर्विलांस से लेकर सतह, आकाश और पानी के अंदर और बाहर मौजूद सैन्य उपकरणों से लगातार निगरानी रख रही है। जिससे उसे हिंद महासागर क्षेत्र में दुश्मन की हर हरकत की जानकारी मिलती रहे। गौरतलब है कि दक्षिण चीन सागर का इलाका एक विवादित समुद्री इलाका है। चीन यहां अपना एकाधिकार स्थापित करना चाहता है। इसी कारण से उसका यहां मौजूद अन्य देशों के साथ विवाद चलता रहता है। यही क्षेत्र भारत का एक बेहद जरुरी व्यापारिक मार्ग है। हम इस इलाके में किसी भी विवाद का शांतिपूर्ण ढंग से हल निकालने के पक्षधर हैं।

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