क्रिसमस पर उत्तरकाशी में हिंदुओं के सामूहिक धर्मांतरण की कोशिश, ग्रामीणों ने किया विरोध

क्रिसमस पर उत्तरकाशी में हिंदुओं के सामूहिक धर्मांतरण की कोशिश, ग्रामीणों ने किया विरोध
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उत्तराखंड में ईसाई धर्मावलंबियों द्वारा एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के जरिए तमाम ईसाई धर्मगुरु प्रलोभन देकर हिंदू लोगों के धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश कर रहे थे। इससे गुस्साए ग्रामीणों की कार्यक्रम आयोजकों के साथ झड़प हो गई। ग्रामीणों ने मामले में राज्यपाल को ज्ञापन सौंपते हुए कार्रवाई की मांग की है।

क्रिसमस पर ईसाई धर्मावलंबियों द्वारा एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में ईसाई धर्म के कई धर्मगुरु आए हुए थे। आयोजित कार्यक्रम में हिंदू लोगों के धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश की जा रही थी। इसको लेकर ग्रामीणों ने अवैध धर्मांतरण का आरोप लगाते हुए कार्यक्रम आयोजकों के साथ भिड़ गए। दोनों के बीच हल्की झड़प भी हो गई।

क्या है पूरा मामला?

उत्तरकाशी जिले के देवढंग में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में कई ईसाई धर्मगुरु आए हुए थे। इस कार्यक्रम को लेकर ग्रामीणों ने आयोजकों पर अवैध धर्मांतरण का आरोप लगाया। इस दौरान ग्रामीणों और आयोजकों के बीच मामूली झड़प भी हो गई।

ग्रामीणों ने राज्पाल को ज्ञापन सौंपते हुए कर्रवाई की मांग की। पुरोला के उपसंभागीय मजिस्ट्रेट जितेंद्र कुमार ने बताया कि घटना की सूचना शुक्रवार को मिली। दक्षिणपंथी हिंदू संगठनों ने बीते शनिवार को एसडीएम कार्यालय पर प्रदर्शन करते हुए आरोप लगाया कि ईसाई मिशनरी नेपाल से उत्तरकाशी आने वाले सभी लोगों को प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन करा रहे हैं। इसके तहत ग्रामीणों ने कार्रवाई की मांग को लेकर राज्यपाल गुरमीत सिंह को संबोधित एक ज्ञापन भी सौंपा है। वहीं मजिस्ट्रेट ने बताया कि ग्रामीणों और कार्यक्रम के आयोजकों के बीच मामूली झड़प की भी घटना सामने आई है।

बता दें कि राज्यपाल ने हाल ही में 30 नवंबर को राज्य विधानसभा द्वारा पारित धर्म की स्वतंत्रता विधेयक को अपनी सहमति दी है। इसके तहत जबरन धर्मांतरण गैरकानूनी माना जाएगा। इसके लिए अपराधियों को गैर-जमानती अपराध के रूप में अधिकतम 10 साल के कारावास के साथ दंडनीय अपराध दी जा सकेगी।

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