Supreme Court 'तारीख पे तारीख' कोर्ट नहीं बन सकता, CJI चंद्रचूड़ ने की अहम टिप्पणी

Supreme Court: कोर्ट में बार-बार सुनवाई की तारीख आगे बढ़ाए जाने पर मुख्य न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने अहम टिप्पणी की है। वकीलों से नए मामलों में स्थगन का अनुरोध नहीं करने की अपील करते हुए सीजेआई ने कहा कि वह नहीं चाहते कि सर्वोच्च न्यायालय तारीख-पे-तारीख अदालत बन जाए। उन्होंने खुलासा किया कि वकीलों ने पिछले दो महीनों में 3,688 मामलों में स्थगन मांगा, जबकि इनमेंेहजीासासे ज्यादातर को तत्काल सुनवाई के लिए मामलों का उल्लेख किया गया था।
सीजेआई बोले-तारीख पे तारीख कोर्ट नहीं बन सकता
सीजेआई की अध्यक्षता वाली पीठ में जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा भी हैं। उन्होंने कहा कि तारीक पे तारीख अदालत बनने से लोगों का भरोसा टूट जाता है। इतने सारे मामलों को स्थगित करने के लिए कहा जा रहा है, इससे इस कोर्ट की अच्छी छवि नहीं बनती है। डीवाई चंद्रचूड़ ने इस बात पर जोर दिया कि सुप्रीम कोर्ट में किसी मामले को दाखिल करने और उसे एक पीठ के सामने सूचीबद्ध करने के बीच के समय को काफी हद तक कम कर दिया गया है और सभी नए मामले दायर होने के एक हफ्ते के अंदर ही सूचीबद्ध हो जाते हैं।
2,361 मामलों का सुनवाई के लिए उल्लेख किया गया
ताजा मामलों को हर हफ्ते सोमवार और शुक्रवार को सूचीबद्ध किया जाता है और उनकी सुनवाई की जाती है। सीजेआई ने कहा कि वकीलों ने कम से कम 2,361 मामलों का उल्लेख सुनवाई की जल्द तारीख तय करने के लिए किया था, लेकिन जब वे संबंधित पीठों के सामने आए तो उनमें से ज्यादातर को टालने का आग्रह किया गया था। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि सितंबर से इन दो दिनों में हर दिन औसतन 154 स्थगन पत्र दिए गए थे। साथ ही, उन्होंने कहा कि मैं बार के सदस्यों से अनुरोध करता हूं कि वे स्थगन की मांग न करें जब तक कि यह वास्तव में जरूरी न हो।
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