Minimum Income Bill: राजस्थान में न्यूनतम आय गारंटी बिल पारित, गहलोत सरकार के फैसले से बेरोजगारों को बड़ी राहत

Minimum Income Bill: राजस्थान में न्यूनतम आय गारंटी बिल पारित, गहलोत सरकार के फैसले से बेरोजगारों को बड़ी राहत
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Minimum Income Bill: राजस्थान विधानसभा (Rajasthan Legislative Assembly) ने आज यानी शुक्रवार को मिनिमम इनकम गारंटी बिल को पास कर दिया है। इससे आम लोगों और रोजगार की तलाश कर रहे युवाओं को बड़ी राहत मिलने वाली है। जानें क्या है इस बिल के फायदे..

Minimum Income Bill: राजस्थान की गहलोत सरकार (Gehlot Government) ने लोगों को बड़ा तोहफा दिया है। सरकार के इस तोहफे से रोजगार से जुड़ी समस्या और खाना पूर्ति के लिए पैसे की समस्या से आम लोगों को राहत मिलने वाली है। बता दें कि आज यानी शुक्रवार को राजस्थान में न्यूनतम आय गारंटी बिल (Minimum Income Bill) को पारित कर दिया गया है। गहलोत सरकार ने इस बिल काे राजस्थान विधानसभा में पेश किया, जिसे बहुमत मिल गया। सरकार ने इस बिल के तहत राज्य की पूरी आबादी को गारंटी मजदूरी या पेंशन के तहत कवर करने की कोशिश की है।

क्या है न्यूनतम आय गारंटी बिल

बता दें कि इस बिल के तहत राजस्थान के सभी लोगों को लाभ पहुंचाया जाएगा। सरकार सभी परिवारों को हर साल 125 दिन के रोजगार की गारंटी देगी। वहीं बुजुर्गों, विधवाओं, दिव्यांगों और सिंगल महिलाओं को हर महीने 1000 रुपये पेंशन के रूर में दिए जाएंगे। इससे भी खास बात यह है कि पेंशन में हर साल 15 फीसदी की बढ़ोतरी भी की जाएगी। इस बिल में मुख्य रूप से 3 व्यापक कैटेगरी शामिल है। इसमें पहला है मिनिमम गारंटीड इनकम का अधिकार, दूसरा है गारंटी के साथ रोजगार का अधिकार, जबकि तीसरा है गारंटी के साथ सुरक्षा पेंशन का अधिकार। इस योजना को लागू करने से सरकार को हर साल 2500 करोड़ के अतिरिक्त खर्च का अनुमान है। बता दें कि मिनिमम इनकम बिल का लाभ 18 वर्ष से ऊपर के लोगों को मिलने वाला है।

आवेदन के 15 दिन के भीतर रोजगार

सरकार ने दावा किया है कि इस योजना के तहत लोगों को एक हफ्ते के भीतर मजदूरी मिल जाएगाी। मजदूरों को पेमेंट होने में किसी भी सूरत में 15 दिन से ज्यादा का वक्त नहीं लगेगा। नियमों को सुचारू रूप से लागू करने के लिए सरकार हर ग्रामीण इलाके में एक अधिकारी नियुक्त करेगी, वे अधिकार बीडीओ के लेवल का अधिकारी होगा। वहीं, शहरों में लोकल बॉडी का एक्जीक्यूटिव ऑफिसर नियुक्त किया जाएगा। बता दें कि अगर प्रोग्राम ऑफिसर आवेदन के 15 दिन के भीतर रोजगार नहीं दे पाता है, तो साप्ताहिक तौर पर बेरोजगारी भत्ता मिलना चाहिए।

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