राफेल डील में 65 करोड़ की रिश्वत: कांग्रेस और बीजेपी आमने सामने, जानें एक दूसरे पर क्या लगाए आरोप

Rafale Deal: फ्रांस की एयरक्राफ्ट बनाने वाली दसॉल्ट एविएशन के द्वारा राफेल (Rafale) की डील को लेकर बिचौलिए को 65 करोड़ की रिश्वत दी गई। विदेशी मीडिया के द्वारा हुए खुलासे के बाद कांग्रेस और बीजेपी (Congress-BJP) आमने सामने आ गए हैं और एक दूसरे पर जमकर आरोप लगा रहे हैं। मीडियापार्ट (Meidapart) ने दावा किया था कि राफेल डील के लिए बिचौलिए को 7.5 मिलियन यूरो की रिश्वत दी गई।
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने मंगलवार को मीडियापार्ट के दावे के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी की सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। कांग्रेस ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा राफेल डील में भ्रष्टाचार को दफनाने के लिए ऑपरेशन कवर अप चल रहा है। हम बीते 5 सालों से राफेल को लेकर सरकार पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं। हमनें 4 अक्टूबर 2018 को बीजेपी के पूर्व मंत्री और एक वरिष्ठ वकील ने सीबीआई को डॉक्यूमेंट सौंपे थे। जांच शुरू ही नहीं हुई कि सरकार ने आलोक वर्मा को हटा दिया।
पवन खेड़ा ने नया खुलासा करते हुए कहा कि ये सबसे बड़ा रक्षा घोटाला, भ्रष्टाचार दफनाने की कोशिश हो रही है। राफेल डील पर एक बार फिर आरोपों का सिलसिला शुरू हो गया है। लेकिन वहीं दूसरी तरफ राफेल डील मामले में कांग्रेस पर पलटवार करते हुए भाजपा ने 2007 से 2012 के बीच कांग्रेस की यूपीए सरकार पर कमीशन लेने का आरोप लगाया था।
बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि मीडिया पार्ट ने आर्टिकल के माध्यम से सच्चाई को सामने रखा है तो दिल दहल जाता है। उन्होंने कहा कि ये पूरा मामला 2007 से 2012 के बीच हुआ। दसॉल्ट एविशन ने 65 करोड़ रुपये कमीशन के रूप में दिया गया था। उन्होंने कहा कि यह आर्टिकल लिखता है कि सीक्रेट कमीशन एक मीडिल मैन के लिए 36 एयरक्राफ्ट के लिए दिया गया था। यानी की ये यूपी सरकार के कार्यकाल की बात हो रही है।
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