कांग्रेस सीडब्ल्यूसी की आज होगी बैठक, राहुल गांधी की ताजपेशी पर हो सकती है चर्चा

कांग्रेस पार्टी के उच्चाधिकार प्राप्त कार्यसमिति (सीडब्लूसी) की बैठक 23 अप्रैल को बुलाई गई है। इसमें कोविड-19 पर अब तक किए गए उपायों और भविष्य की रूपरेखा तय करने, मगर इस बैठक में मूल रूप से राहुल गांधी को फिर से पार्टी अध्यक्ष बनाए जाने की नींव भी रखी जानी है। रणनीतिकारों की कोशिश है कि सोनिया गांधी बतौर पार्टी अध्यक्ष उपस्थित रहें लेकिन बैठक की कमान राहुल गांधी के हाथों में रहे।
लॉकडाउन की अवधि में बैठक वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये होगी। सीडब्लूसी में सभी सदस्यों के अलावा, स्थाई सदस्य, विशेष आमंत्रित सदस्य और राजस्थान, छत्तीसगढ़, पंजाब और पुडुचेरी के कांग्रेसी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी शिरकत करेंगे। इसका मतलब है कि सीडब्लूसी की साधारण बैठक नहीं बल्कि ये विस्तारित बैठक है। कोरोना काल में राहुल गांधी पार्टी की ओर से लगातार मोर्चा संभाले हैं।
पत्रकारों से रूबरू हो रहे हैं। खुलकर सवालों का जवाब दे रहे हैं। अब केंद्र सरकार को लघु, छोटे मंझोले उद्योगों को भारी मंदी में कैसे ऑक्सीजन दियाजाए ये फार्मूला भी राहुल गांधी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सहित अन्य 11 सदस्यों के साथ बैठकर बनाया है। समिति के सदस्य जयराम रमेश ने खुद बताया है कि जल्द ही कांग्रेस पार्टी की ओर से उद्योगों को बचाने का फार्मूला केंद्र सरकार को दिया जाएगा।
राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने की मांग पहले भी कई वरिष्ठ नेता और सभी मुख्यमंत्री कर चुके हैं। माना जा रहा है कि कार्यसमिति की बैठक में इसकी औपचारिक सहमति बनाकर संगठन के आगे की रणनीति भी तय कर ली जाएगी। विदित हो कि सोनिया गांधी अभी अल्पकालिक अध्यक्ष की जिम्मेदारी ही निभा रही हैं। उनका स्वास्थ्य बहुत अच्छा नहीं। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बतौर सीडब्लूसी सदस्य हरिभूमि के सवाल पर कहा, राहुल गांधी के फिर से अध्यक्ष बनने अब कोई किंतु-परंतु नहीं।
वो लगातार मोर्चा संभाल रहे हैं। बस समय की बात है। हम सभी की मंशा होगी कि कांग्रेस अध्यक्ष के पद पर इसी सीडब्लूसी की बैठक में निर्णय कर लिया जाए। इसमें अब देरी नहीं की जानी चाहिए। सीडब्लूसी एक दूसरे स्थाई सदस्य ने कहा, सोनिया गांधी ने 18 अप्रैल कोरोना महामारी पर विमर्श ने एक सलाहकार समूह का गठन किया है। यह सलाहकार समूह मुख्यत: कोविड-19 से जुड़े मामलों पर विचार-विमर्श करने और विभिन्न मुद्दों पर पार्टी के विचारों को तैयार करने का कार्य करेगा।
पार्टी के अंदर ही कई लोग अब एक और समिति की आवश्यकता पर सवाल उठा रहे हैं, क्योंकि पार्टी ने 28 मार्च को ही एक टीम का गठन किया था। दोनों समितयों में फर्क ये है कि एक में पूरी तरह से बुजुर्ग हो चले अग्रिम पंक्ति के सोनिया-गुट के नेता हावी हैं जबकि दूसरी कमेटी में टीम-राहुल के सदस्य अटे पड़े हैं।
राहुल पर इसलिए कयास
कांग्रेस के अंदर तीसरी ऐसी संकट प्रबंधन समिति है जिसमें दिग्गज नेता जैसे अहमद पटेल, ए.के. एंटनी, गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा टीम में शामिल नहीं है। टीम में वही लोग शामिल हैं जो राहुल गांधी पर विश्वास जताते हैं। इस कदम को फिर से पार्टी की कमान संभालने से पहले राहुल द्वारा अपनी कोर टीम बनाने की दिशा में एक छोटे कदम के रूप में देखा जा रहा है।
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