Telangana Election 2023: तेलंगाना में कांग्रेस को झटका, पलवई श्रावंती ने थामा BRS का हाथ, पार्टी पर लगाए ये आरोप

Telangana Election 2023: तेलंगाना में कांग्रेस को झटका, पलवई श्रावंती ने थामा BRS का हाथ, पार्टी पर लगाए ये आरोप
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Telangana Election 2023: तेलंगाना विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता पलवई श्रावंती ने आज रविवार को सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति का हाथ थाम लिया है।

Telangana Election 2023: तेलंगाना में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, तेलंगाना कांग्रेस नेता और प्रवक्ता पलवई श्रावंती ने आज रविवार को दिवाली के मौके पर सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) का हाथ थाम लिया है। उन्होंने बीते दिन शनिवार को कांग्रेस से इस्तीफा दिया था। कांग्रेस ने इस बार विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए उन्हें टिकट नहीं दिया था। बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामाराव ने तेलंगाना भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में उनका पार्टी में स्वागत किया। बता दें कि तेलंगाना में 30 नवंबर को विधानसभा चुनाव होना है।

सोनिया गांधी को भेजा पत्र

पलवई श्रावंती ने इससे पहले पिछले मुनूगोड़े उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली थी, वो चुनाव में तीसरे स्थान पर आई थीं। वरिष्ठ कांग्रेस नेता पलवई गोवर्धन रेड्डी की बेटी श्रावंती ने कहा कि कांग्रेस पार्टी छोड़ना आसान निर्णय नहीं था, लेकिन उन्हें अपने दिवंगत पिता के शब्द याद है कि किसी व्यक्ति को वहां नहीं रहना चाहिए जहां उसे सम्मान नहीं मिलता है। पलवई श्रावंती कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी को एक पत्र भेजा, जिसमें कहा गया कि जब से रेवंत रेड्डी को पार्टी में लाया गया है, तब से वह उन मूल्यों और सिद्धांतों को खत्म कर रहे हैं जिनके लिए पार्टी जानी जाती है।

कांग्रेस पर लगाए आरोप

बीआरएस में शामिल होने के बाद पलवई श्रावंती ने कहा कि मैं दृढ़ता से मानती हूं कि एक नेता के रूप में पहचाने जाने के लिए सम्मान की आवश्यकता होती है, लेकिन मुझे कांग्रेस पार्टी में इसकी पूरी तरह से कमी दिखी। उस पार्टी का हिस्सा बनने के बाद कई बार मुझे अपमानित महसूस हुआ है।

केटीआर ने कांग्रेस पर साधा निशाना

वहीं, पलवई श्रावंती के बीआरएस में शामिल होने के बाद केटीआर ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस ने श्रावंती को उचित सम्मान नहीं दिया, जिनके पिता जवाहरलाल नेहरू के समय से कांग्रेस की सेवा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोई नहीं जानता कि राजगोपाल रेड्डी ने कांग्रेस क्यों छोड़ी, भाजपा में शामिल हुए, उपचुनाव के लिए मजबूर हुए और वह कांग्रेस पार्टी में क्यों लौट आए।

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