Constitution Day: संविधान दिवस पर बोले राहुल गांधी, सबके लिए एक समान होना चाहिए न्याय व अधिकार

26 नवंबर की तारीख भारत के इतिहास (History Of India) में बहुत ही खास मानी जाती है। 26 नवंबर 1950 (26 November 1950) को संविधान दिवस (Constitution Day) को लागू हुआ लेकिन संसद में आज एक अलग ही तस्वीर देखने को मिली जब विपक्ष ने संविधान दिवस के कार्यक्रम में शामिल होने से मना कर दिया। इस मौके पर जहां पीएम मोदी ने देश के लोगों को संविधान दिवस के 71 साल पूरे होने पर शुभकामनाएं दी तो वहीं राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा कि न्याय व अधिकार सबके लिए समान होने चाहिएं, ताकि संविधान सिर्फ कागज न बन जाए।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने संविधान दिवस की शुभकामनाएं देते हुए शुक्रवार को कहा कि यह सबकी जिम्मेदारी है कि संविधान महज एक कागज न रह जाए। संविधान की प्रस्तावना को साझा करते हुए उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि न्याय और अधिकार सभी के लिए समान होने चाहिए। ताकि संविधान सिर्फ एक कागज न रह जाए। यह हम सभी की जिम्मेदारी है। मैं देश के संविधान दिवस की सभी को बधाई देता हूं।
जानकारी के लिए बता दें कि संविधान दिवस 26 नवंबर को मनाया जाता है। क्योंकि इसी दिन 1949 में संविधान सभा ने भारत के संविधान को अंगीकार किया था। भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ। इस खास मौके पर कई विपक्षी राजनीतिक दलों की ओर से राजनीति जारी है। कांग्रेस ने शुक्रवार को संसद के सेंट्रल हॉल में संविधान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम का बहिष्कार किया। तो आप पार्टी समेत 14 विपक्षी दलों ने भी कार्यक्रम में शामिल होने से मना कर दिया। देश की सबसे पुरानी पार्टी को कांग्रेस के कार्यक्रम में शामिल नहीं होने पर बीजेपी ने भी निशाना साधा
जानें क्यों मनाया जाता है संविधान दिवस
संविधान दिवस हर साल 26 नवंबर की तारीख पर ही मनाया जाता है। क्योंकि इसी दिन 1949 में संविधान सभा ने भारत के संविधान को अपनाया था, लेकिन लागू होने में 2 महीने लग गए थे। आखिरकार 26 जनवरी 1950 को इसे लागू कर दिया गया। 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के तौर पर मनाया जाता है।
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