Booster Dose: केंद्र ने लिया फैसला, अब 6 महीने में मिलेगी कोरोना बूस्टर डोज, राज्यों को लिखी चिट्ठी

Booster Dose: केंद्र ने लिया फैसला, अब 6 महीने में मिलेगी कोरोना बूस्टर डोज, राज्यों को लिखी चिट्ठी
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सरकार ने कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज और बूस्टर डोज (Booster Dose) के बीच में 9 महीने के अंतर को कम कर दिया है।

देश में कोरोना (Coronavirus) के मामले तेजी एक बार फिर से हो रही है। ऐसे में केंद्र सरकार ने NTAGI की सिफारिशों को मानते हुए बूस्टर डोज की समय सीमा में बदलाव किया है। सरकार ने कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज और बूस्टर डोज (Booster Dose) के बीच में 9 महीने के अंतर को कम कर दिया है।

वैक्सीन से इम्युनिटी भी कमजोर होने लगती है। इसके लिए भारत सरकार ने बूस्टर डोज की व्यवस्था की। जिन लोगों को 9 महीने से टीका लगाया गया है वे इस रोकथाम की बूस्टर डोज ले सकते हैं। अब सरकार ने 9 महीने के लिए वेटिंग की अनिवार्यता भी कम कर दिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को अधिसूचना जारी की।

सरकार ने दूसरी डोज और बूस्टर डोज के बीच 9 महीने की समय सीमा को घटाकर 6 महीने कर दिया है। इसका सीधा सा मतलब है कि अगर आपको कोरोना की दूसरी डोज मिले 6 महीने हो गए हैं, तो अब आप बचाव की बूस्टर डोज ले सकते हैं। याद रखें कि बूस्टर खुराक के लिए 6 महीने केवल 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए हैं।

स्वास्थ्य सचिव ने पत्र में लिखा है कि टीकाकरण के राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह की सिफारिश के बाद दूसरी डोज और बूस्टर डोज के बीच 9 महीने के अंतराल को घटाकर 6 महीने करने का फैसला किया गया है। 18 साल और उससे अधिक उम्र के सभी लोग अब 6 महीने में बूस्टर डोज ले सकेंगे। 18 साल के कम के लिए लागू नहीं है।

जानकारी के लिए बता दें कि टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (NTAGI) के सदस्यों ने कोरोना टीकों की दूसरी और बूस्टर डोज के बीच के अंतर को कम करने की सिफारिश की थी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर मिले सबूतों के मुताबिक, राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह की स्टैंडिंग टेक्निकल सब कमेटी ने अपनी सिफारिश में पहले की सलाह को संशोधित किया है।

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