संसद में न फैले कोरोना वायरस, आज तय किए जाएंगे नियम

संसदीय कार्यवाही कवर करने वाले पत्रकारों की संख्या को कोरोना संक्रमण की वजह से मॉनसून-सत्र के दौरान कम किया जा सकता है। ऐसे पत्रकार जिनके पास राज्यसभा और लोकसभा के सेशनल-पास हैं, उन्हें मॉनसून-सत्र कवर करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। पॉलिसी तय करने राज्यसभा मीडिया सलाहकार समिति की वर्चुअल बैठक आज आहूत की गई है।
स्थाई पास नहीं चलेंगे, नए बनवाना पड़ेंगे
बताया गया कि ऐसे पत्रकार जिनके पास संसदीय प्रेस दीर्घा के लिए स्थाई-पास हैं ऐसे सभी पत्रकारों को भी इजाजत नहीं दी जा सकती है। एक मीडिया हाउस से दो या तीन स्थाई-पास होल्डर को मॉनसून-सत्र कवर करने की इजाजत दी जा सकती है। स्थाई-पास वाले पत्रकारों को भी इस बार एक नया पास बनाना पड़ सकता है।
कोई भी पत्रकार जा सकता है पास लेकर
सूत्रों ने बताया कि अगर प्रस्तावित पॉलिसी ने मंगलवार को आकार लिया तो इस पास का नाम होगा, ट्रांसफरेबल-पास हो सकता है। पास पर केवल मीडिया हाउस या अखबार, चैनल के नाम अंकित होंगे। पत्रकार के नहीं। इसीलिए ट्रांसफरेबल पास लेकर संबंधित मीडिया हाउस से कोई भी स्थाई पास होल्डर पत्रकार मॉनसून सत्र कवर करने जा सकता है, मगर स्थाई पास दिखाना किसी भी सूरत में आवश्यक होगा।
सेंट्रल हाॅल में जाने की अनुमति नहीं
ऐसे वरिष्ठ पत्रकार जिनके पास संसद के सेंट्रल हॉल का पास है उन्हें मॉनसून सत्र के दौरान सेंट्रल हॉल में जाने की अनुमति नहीं होगी। प्रस्तावित पॉलिसी पर मुहर लगी तो 60 साल से ऊपर और लगातार 20 सालों तक संसदीय कार्यवाही को कवर कर चुके ऐसे अनुभवी पत्रकार जिनके पास लांग एंड डिस्ट्ग्विइश्ड (एल एंड डी) कार्ड हैं उन्हें कोरोना संक्रमण से बचने के लिए मॉनसून सत्र में संसद में नहीं आने की एडवाइजरी के साथ ये तय किया जा सकता है कि उनके आनेजाने पर किसी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं रखा जाए!
फिलहाल तय नहीं कब से शुरू होगा संसदीय सत्र
संसद का मॉनसून सत्र कब से बुलाया जाए, इससे बड़ा सवाल ये है कि कोरोना संक्रमण के समय लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों को कैसे सोशल डिस्टेंसिंग के साथ कार्यवाही में शिरकत करने को बुलाया जाए! सांसदों के सीटिंग-अरेंजमेंट्स बहुत हद तक तय हो गए हैं।
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