Coronavirus : केंद्र सरकार ने चीन से खरीदी गईं रैपिड जांच किट पर लगाई रोक, जानें वजह

केंद्र सरकार ने चीन से खरीदी गई रैपिड टेस्ट जांच किट पर फ़िलहाल रोक लगा दी है। राज्य सरकारों की आपत्ति उठाने के बाद सरकार ने यह फैसला लिया है। कोरोना को लेकर केंद्रीय मंत्रियों के समूह की बैठक हुई। इसमें कहा गया कि चीन से लाई गई रैपिड टेस्ट किट की सकारात्मक असर नहीं दिखे है। जिसके चलते रैपिड टेस्ट किट से जांच को फिलहाल रोक दिया गया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चीन से खरीदी गई रैपिड जांच किट के गलत नतीजे आने की शिकायतों के बाद केंद्र ने राज्यों के मिले जवाब के बाद इस किट से होने वाले जांच पर रोक लगा दी है। केंद्र सरकार ने कहा कि यदि हमारे पास 15 लाख से ज्यादा टेस्ट किट है और कई भारतीय कंपनियां की टेस्ट किट तैयार कर रही है। सरकार ने वजह बताते हुए कहा कि अभी उनके पास फिलहाल कई सारी किट हैं और इसके अलावा उनके पास वॉलिंटियर भी तैयार है। ऐसे में चीन की बनी रैपिड टेस्ट किट से जांच को प्लान के लिए रोक देने का ही प्लान है।
राजस्थान सरकार ने केंद्र को बताया कि जो पेट चीन से मिली है उनके रिजल्ट 5 फ़ीसदी ही सही है। परीक्षणों में 6-71 फीसदी तक का अंतर है। रैपिड किट आरटीपीसीआर टेस्ट की तरह पूरी तरह से सही नतीजे नहीं देती हैं।
वहीं दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल में केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र ने खराब किट भेजी हैं। इसके अलावा भी कई राज्य सरकारों ने किट खराब होने के आरोप लगाए। जिसके बाद सरकार ने इसे फ़िलहाल रोक लगा दिया।
क्या होता है रैपिड टेस्ट
जब आप किसी वायरस या और किसी पैथोजन से संक्रमित होते हैं, तो शरीर उससे लड़ने के लिए एंटीबॉडीज बनाता है। रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट के जरिए इन्हीं एंटीबॉडी का पता लगाया जाता है। खून में मौजूद एंटीबॉडी से ही पता चलता है कि किसी शख्स में कोरोना या किसी अन्य वायरस का संक्रमण है या नहीं। रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट बीमारी की पहचान के लिए नहीं होता। यह टेस्ट सिर्फ ऐसे लोगों की पहचान के लिए है जिनमें लक्षण दिख रहे हों। एंटीबॉडी टेस्ट नेगेटिव आने का यह मतलब नहीं कि व्यक्ति को बीमारी या संक्रमण नहीं है।
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