सर्दी में बढ़ सकता है कोरोना संक्रमण का खतरा

सर्दी में बढ़ सकता है कोरोना संक्रमण का खतरा
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इन दिनों पूरी दुनिया में कोरोना संक्रमण से लोग दहशत में हैं। अपने देश में भी संक्रमण के मामले बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में कुछ अध्ययन इस बात की भी आशंका जता रहे हैं कि मानसून के बाद सर्दी के मौसम में कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। ऐसे में सजग रहना ही एकमात्र बचाव का उपाय है।

साल के आरंभ में लगभग दुनियाभर के वैज्ञानिकों ने यह उम्मीद जताई थी कि गर्मी में कोरोना वायरस का प्रकोप कम हो सकता है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हमारे देश में मई-जून में भी संक्रमण तेजी से बढ़ा। ज्यादा तापमान और धूप में वायरस का असर खत्म होने के अनुमान गलत साबित होने के बाद अब मानसून में भी संक्रमण फैल रहा है।

अब आईआईटी भुवनेश्वर और एम्स के डॉक्टरों के संयुक्त अध्ययन में यह दावा किया जा रहा है कि तापमान में कमी आने पर कोरोना वायरस के लिए संक्रमण फैलाने की स्थिति काफी अनुकूल हो जाती है। हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, श्वसन मार्ग से सबंधित संक्रमण मौसमी पैटर्न का पालन करते हैं, इसलिए कईं वर्षों तक कोविड-19 को जांचने-परखने के पश्चात ही पता चल पाएगा कि इस वायरस पर मौसम का कितना प्रभाव पड़ता है?

क्या कहते हैं अध्ययन

मुंबई स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) में हुए एक अध्ययन में कहा गया था कि मानसून के नमी और उमस भरे माहौल में कोरोना वायरस के फैलने का खतरा बढ़ जाएगा। यह बात सही साबित हो रही है। दरअसल, इस अध्ययन में कहा गया कि मानसून में वातावरण में नमी की मात्रा अधिक होने से संक्रमित व्यक्ति के खांसने और छींकने से निकलने वाली ड्रॉपलेट्स को सूखने में ज्यादा समय लगता है, जिससे वायरस सूखकर नष्ट नहीं होता और संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है। आईआईटी भुवनेश्वर और एम्स के डॉक्टरों के संयुक्त अध्ययन में भी यही दावा किया जा रहा है कि मानसून के बाद सर्दी के मौसम में भी कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल सकता है।

इसी अध्ययन में यह भी कहा गया है कि मानसून और सर्दी के मौसम में कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलने की स्थिति में काफी बदलाव देखने को मिलेगा। जबकि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे का मानना है कि यह कहना जल्दबाजी होगी कि ठंड भरा मौसम, कोरोना वायरस को कैसे प्रभावित करेगा? आईसीएमआर की एनआईवी, पुणे लैब में ही वैज्ञानिकों ने कोरोना के अलग-अलग देशों से आए 17 रूपों की पहचान की है। इसलिए कौन से स्ट्रेन पर किस मौसम का प्रभाव पड़ेगा अभी तक वैज्ञानिक और अनुसंधानकर्ता यह साबित नहीं कर पाए हैं।

केनेडियन मेडिकल एसोसिएशन जर्नल में प्रकाशित एक लेख में कहा गया है कि विभिन्न अध्ययनों में अलग-अलग बातें निकलकर आ रही हैं, यह तो समय ही बताएगा कि कम तापमान वाले वातावरण का कोरोना वायरस पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

ये हैं कारण

विश्वभर में हुए शोध और अध्ययन, जो मानसून और सर्दी के मौसम में कोरोना संक्रमण तेजी से फैलने का अनुमान लगा रहे हैं, वो निम्न कारणों को रेखांकित कर रहे हैं :

- नमी बढ़ने से वायरस अधिक देर तक सक्रिय रहते हैं।

-बंद कमरों में संक्रमण बढ़ने का खतरा बढ़ सकता है। आद्रता बढ़ने से एयरोसोल ट्रांसमिशन के लिए उपयुक्त परिस्थितियां बन जाती हैं। उमस भरे मौसम में यह जल्दी नष्ट भी नहीं हो पाते हैं।

-मानसून में डेंगू, मलेरिया और कईं संक्रामक बीमारियों के मरीज बढ़ जाते हैं। इनके शुरुआती लक्षण भी कोरोना के समान ही हो सकते हैं। ऐसे में घबराहट में यदि बड़ी संख्या में मरीज अस्पताल आएंगे तो अस्पतालों में संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।

-संक्रमण से बचने के लिए विशेषज्ञ सूखा मास्क पहनने की सलाह देते हैं, लेकिन बारिश में या सर्दी में ओस की वजह से टू-व्हीलर पर चलने वालों और पैदल चलने वालों के मास्क भीग सकते हैं, जिससे परेशानी हो सकती है।

-सर्दियों में तापमान कम होने से वायरस अधिक समय तक जीवित रह सकता है।

बचाव के उपाय

मुंबई स्थित सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन बेसिक साइंसेस के वैज्ञानिको का कहना है कि कोई भी वायरल डिजीज का फैलना तीन प्रमुख कारणों पर निर्भर करता है, वातावरण में होने वाले मौसमी परिवर्तन, मानव का व्यवहार और वायरस की संक्रमण फैलाने की क्षमता। भारत में गर्मी में मामले कम थे, मानसून शुरू होते ही मामलों में तेजी देखी गई। यह देखते हुए सर्दियों के लिए अभी से तैयारी करने की जरूरत है। कोरोना वायरस का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है, इसके इलाज के लिए न तो कोई सटीक दवाई है, न ही कोई वैक्सीन है। इसलिए संक्रमण से बचने के लिए सभी जरूरी उपाय अपनाकर ही इससे बचा जा सकता है।

-जब भी जरूरी हो अपने हाथों को साबुन-पानी से धोएं या सेनिटाइजर से साफ करें।

-शारीरिक दूरी और मास्क पहनने के नियम का सख्ती से पालन करें।

-पानी और तरल पदार्थों का अधिक मात्रा में सेवन करें।

-उबला हुआ और फिल्टर किया हुआ पानी पिएं।

-घर के बने ताजे-संतुलित और पोषक भोजन का ही सेवन करें।

-ठंडे पानी की बजाय कुनकुने पानी का सेवन करें।

-अपने घर और ऑफिसों में वेंटिलेशन का पूरा ध्यान रखें।

-छींकते और खांसते समय रूमाल या टिशु पेपर का इस्तेमाल करें।

-बीमार लोगों के संपर्क में आने से बचें।

यदि इन सब बातों का ध्यान रखा जाए तो कोरोना संक्रमण के साथ बरसात और सर्दियों में होने वाली बीमारियों से भी बहुत हद तक बचा जा सकता है।

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