खराब कनेक्टिविटी से ऑनलाइन शिक्षण प्रभावित, अजय कुमार ने मंत्री रविशंकर प्रसाद को लिखा पत्र

खराब कनेक्टिविटी से ऑनलाइन शिक्षण प्रभावित, अजय कुमार ने मंत्री रविशंकर प्रसाद को लिखा पत्र
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कोरोना से बचाव के लिए सरकार ने लॉकडाउन किया था, जिसके बीच ऑनलाइन स्टडी पर जोर दिया जा रहा है। लेकिन ऑनलाइन स्टडी में विद्यार्थियों को कई तरह की समस्याओं का सामना भी करना पड़ रहा है। सबसे अधिक समस्या ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थियों को है। उक्त समस्या रखते हुए जन स्वास्थ्य एवं समग्र मानव विकास फाउंडेनशन ने केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल को पत्र लिखा है। ग्रामीण अंचल के विद्यार्थियों को 80 फीसद इंटरनेट की खराब कनेक्टविटी की समस्या रहती है। वहीं ओवरऑल भी खराब कनेक्टविटी की समस्या सबसे बड़ी है। इनके अलावा घरेलू काम और फोन पर आने वाली सुचनाएं भी ऑनलाइन पढ़ाई को प्रभावित कर रही हैं।

उक्त समस्या रखते हुए जन स्वास्थ्य एवं समग्र मानव विकास फाउंडेनशन के चेयरमैन अजय कुमार ने केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रोद्यौगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद तथा मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल को पत्र लिखा है। फाउंडेनशन के चेयरमैन अजय कुमार ने बिहार के पटना जिला के ग्रमीण क्षेत्र बिहटा/बिक्रम/नौबतपुर इलाके की खराब कनेक्टिविटी की समस्या का उल्लेख किया है। अजय कुमार अपने क्षेत्र की जन समस्याओं को अक्सर उठाते रहे हैं। वे एक कर्मठ और समर्पित समाज सेवक हैं। इसके पहले भी कई बार इलाके की समस्याओं को उठाकर उन्होंने उसका समाधान कराया है, जिसके लिए प्रदेश भर में उनकी प्रशंसा, सराहना होती रही है।

जब स्थानीय नागरिकों ने अजय कुमार को ऑनलाइन शिक्षण की समस्या से अवगत कराया तो उन्होंने कई अभिभावकों से मिलकर ऑनलाइन सर्वे कराया जिसमें निकल कर आया कि 72 फीसद खराब कनेक्टविटी सबसे बड़ी समस्या है, वहीं 48.8 फीसद घरेलू काम और 45.7 फीसद बार-बार फोन पर आने वाली सूचनाएं ऑनलाइन पढ़ाई को प्रभावित कर रही हैं। इसके अलावा बिहटा/नौबतपुर इलाके में कई विद्यार्थियों के पास फोन ही नहीं है, जिनके पास फोन है वो ऐसे नहीं है कि ऑनलाइन क्लास लगा सकें।

समस्या को देखते हुए दोनों मंत्रियों को लिखे पत्र में फाउंडेनशन के चेयरमैन और ट्रस्टी अजय कुमार ने कहा कि कोविड-19 महामारी के इस दौर में जब स्कूल, कॉलेज, अन्य शिक्षण संस्थान बंद हैं और सामूहिक समारोहों पर भी रोक लगा दी गई है। ऐसे में छात्र पढ़ाई के लिए केवल आॅनलाइन शिक्षा के भरोसे हैं। विद्यार्थियों को डाटा पैक के अनुसार एक दिन में 1.5 जीबी का डाटा मिलता है लेकिन वह एक या दो क्लास में ही खत्म हो जाता है। कई बार वीडियो ना चलने, बीच में रुकने, घर में स्पेस न मिल पाने की समस्या आती है। कोरोना महामारी ने हमारे जीवन जीने के तौर-तरीके ही बदल दिए हैं। महामारी की वजह से जारी लॉकडाउन और अनलॉक के दौरान सभी स्कूल,कॉलेज और शिक्षण संस्थान बंद हैं और ऐसे में अब आॅनलाइन शिक्षा के जरिए पढ़ाई जारी है। तमाम कठिनााइयों के बावजूद भी अध्यापक और छात्र इसके जरिए शिक्षण कार्य कर रहे हैं। सरकार भी आॅनलाइन शिक्षा पर जोर दे रही है।

अजय कुमार ने चिंता जताई कि आईआईटी पटना (बिहटा) के पास के गांवों में दूरसंचार कनेक्टिविटी बहुत खराब है। इसका छात्रों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। हमें फिलहाल कोरोना वायरस के बीच ही अपना काम करना है। युवा ही देश का भविष्य हैं, ऐसे में हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि उन्हें अपनी क्षमता का उपयोग बेहतर ढंग से उपयोग करने के लिए आवश्यक सुविधा मिले। इसके लिए श्री कुमार ने नौबतपुर थाना इलाके के जफरा भगवानपुर में जल्द से जल्द मोबाइल टावर लगाने की मांग की है। इस संबंध में संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश देने की अपील की है, ताकि वे सेवा मुहैया कराने वाली कंपनियों को इस समस्या से अवगत कराएं और जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान हो सके। डिजिटिल इंडिया के इस दौर में कई गांव ऐसे हैं जहां आज भी लोगों को फोन पर इंटरनेट चलाने के अपने घर से दूर जाना पड़ता है। इंटरनेट कनेक्टिविटी के मामले में काफी इतना पिछड़ा है कि अभी भी लोगों को इंटरनेट चलाना तो छोड़िये बात करने तक के लिए अपने घरों से बाहर निकलकर ऊंचाई वाले जगहों पर जाना पड़ता है। ये केवल एक गांव की बात नहीं है बल्कि ऐसे कई गांव हैं,जहां ऐसी समस्या है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक इंटरनेट कनेक्टिविटी की बात करें तो आज भी लगभग 50 फीसद से भी कम घरों में इंटरनेट की सुविधा है। ऐसे में आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं कि जिनके पास इंटरनेट नहीं है उनकी पढ़ाई किस तरह प्रभावित रही होगी। भले ही लोग स्मार्ट फोन के जरिए पढ़ाई कर रहे होंगे लेकिन क्या एक गरीब परिवार के पास स्मार्टफोन आसानी से उपलब्ध होगा? कोरोना के मामले जिस तरह से बढ़ रहे हैं उससे लग नहीं रहा है कि हालात एकदम सामान्य होंगे। ऐसे में सरकार को चाहिए की वो देश के दूरदराज के इलाकों में इंटरनेट की सुविधा का विस्तार करे और कुछ ऐसी योजना तैयार करे की कम से कम एक निचले तबके के छात्र को लैपटॉप ना सही कम से कम स्मार्टफोन तक मिल सके। ऑनलाइन एजेकुशेन का सैट तैयार करना है तो इसके लिए धरातल पर प्रयास करने जरूरी होंगे तभी इसमें सफलता मिल सकेगी।

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