भारत में जल्द बदले जाएंगे कोरोना वायरस के मानक, सरकार ने कहा सामुदायिक संक्रमण नहीं हुआ शुरू

भारत में कोरोना वायरस की जांच के मानकों को जल्द ही अपडेट करने की तैयारी चल रही है। इसके तहत इसमें अब में दो नए लक्षणों को भी जोड़ा जा सकता है,जिन्हें दुनिया के कई देश पहले ही अपने टेस्टिंग स्टैंडर्ड में शामिल कर चुके हैं। यह जानकारी भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर)ने दी है।
बतादें कि देश में कोरोना से संक्रमित कई ऐसे मामले सामने आ रहे हैं,जिनमें रोगी सूघने अथवा स्वाद को चखने की क्षमता खो देता है। लेकिन भारत में कोविड-19 की टेस्टिंग में अभी इन लक्षणों को मानक के तौर पर शामिल नहीं किया गया है। लेकिन गंभीरता को समझते हुए आईसीएमआर ने इसको लेकर एक प्रस्ताव नेशनल टास्क फोर्स के सामने एक प्रस्ताव रखा है।
जिसकी स्वीकृति मिलते ही ये दोनों लक्षण मानक का हिस्सा बन जाएंगे। परिषद के एक सदस्य ने बताया कि सूघने या स्वाद चखने की क्षमता खोने को भी कोविड-19 की जांच में शामिल करने पर चर्चा चल रही है। हालांकि अभी तक इस पर अंतिम फैसला नहीं हुआ है।
गौरतलब है कि कोरोना टेस्टिंग का भारत में मानक सबसे पहले जनवरी में तय किया गया था और इसमें बुखार,खांसी और सांस की तकलीफ शामिल थी। बाद में मई माह में इसमें गैस्ट्रोइंट्सटिनल जैसे की डायरिया या उल्टी को भी शामिल किया गया। जबकि दुनिया के कई अन्य देशों में पहले ही सूंघने या स्वाद की क्षमता खोने वालो को भी इस सूची में शामिल कर लिया गया है,जिससे कोरोना के संभावित लक्षणों की संख्या 15 हो गई है।
लेकिन भारत में अभी भी कोरोना की जांच विभिन्न 13 लक्षणों को देखते हुए की जा रही है। फिलहाल देश में कोरोना के लक्षणों का जो मानक तय है,उसमें बुखार,खांसी,दस्त,उल्टी,पेट में दर्द,सांस फूलना,मितली, हेमोटाईसिस शरीर में दर्द,गले में खराश,सीने में दर्द,नाक से पानी निकलना व थूक शामिल है। जिस रोगी में एक या इससे ज्यादा लक्षण पाए जाते हैं,उसे कोविड-19 की जांच की अनुमति मिलती है।
लॉकडाउन को केंद्र ने बताया सफल
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देश भर में लगाए गए लॉकडाउन की सफलता पर उठाए जा रहे सवाल को केंद्र ने खारिज कर दिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से कई तथ्य व सर्वे का हवाला देते हुए दावा किया गया है कि लॉकडाउन सफल रहा है, अन्यथा अब तक हालात बेकाबू हो गए होते। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि लॉकडाउन को लेकर देश के 83 प्रमुख जिलों में सर्वे कराया गया।
जिससे इस बात की पुष्टि होती है कि लॉकडाउन सफल रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना से 15 मई को देश में मृत्युदर 3.3 थी, जो कि अब घटकर 2.8 फीसदी रह गई है। इसके अलावा भारत में इस वायरस से मरने वालों की दर भी दुनिया के कई अन्य देशों के मुकाबले काफी कम है।
कोरोना पॉजिटिव की संख्या सबसे कम
आईसीएमआर के निदेशक बलराम भार्गव ने भी इसका समर्थन करते हुए कहा कि लॉकडाउन की वजह से ही देश में कोरोना के केस कम रहे। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया के उन देशों में है जहां प्रति लाख जनसंख्या पर कोरोना पॉजिटिव की संख्या सबसे कम है।
इसके अलावा प्रति लाख जनसंख्या पर कोरोना से मरने वालों की संख्या भी दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले काफी कम है। उन्होंने इसके सामुदायिक संक्रमण की आशंका को खारिज किया और कहाकि भारत बहुत बड़ा देश है,इस लिहाज बीमारी का प्रसार बहुत कम है।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS