भारत में जल्द रेडिएशन थेरेपी से होगा कोरोना वायरस का इलाज, एम्स में शुरू हुआ शोध

भारत में जल्द रेडिएशन थेरेपी से होगा कोरोना वायरस का इलाज, एम्स में शुरू हुआ शोध
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चिकित्सक अब कोरोना के इलाज में रेडिएशन थेरेपी को आजमाने की तैयारी कर रहे हैं। इसको लेकर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में शोध शुरू हो गया है। कोरोना रोगियों में न्यूमोनिया के घातक प्रभाव को कम करने में इसे प्रभावी माना जा रहा है

चिकित्सक अब कोरोना के इलाज में रेडिएशन थेरेपी को आजमाने की तैयारी कर रहे हैं। इसको लेकर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में शोध शुरू हो गया है। कोरोना रोगियों में न्यूमोनिया के घातक प्रभाव को कम करने में इसे प्रभावी माना जा रहा है। एम्स के रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. डी.एन. शर्मा ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि शनिवार को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखे गए दो कोरोना मरीजों को रेडिएशन थेरेपी दी गई थी। जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। उन्होंने बताया कि दोनों कोरोना मरीजों की उम्र 50 साल से ज्यादा की है, जो झज्जर के एम्स के नेशनल कैंसर सेंटर में भर्ती हैं। उन्हें सांस लेने में दिक्कत होने के चलते ऑक्सीजन सपोर्ट दिया जा रहा था, लेकिन अब ऑक्सीजन सपोर्ट हटा लिया गया है और रेडिएशन थेरेपी दी गई है। उन्होंने कहाकि आमतौर पर कैंसर के इलाज में रेडिएशन थेरेपी की हाई डोज दी जाती है। लेकिन कोरोना के दोनों मरीजों को लो डोज रेडिएशन थेरेपी दी गई। जिसका सकारात्मक असर हुआ और इसका मरीजों पर कोई साइड इफेक्ट भी नहीं हुआ है।

पहले न्यूमोनिया का इलाज

एम्स के रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. डी.एन. शर्मा ने कहा कि जब एंटीबायोटिक का चलन नहीं था तो न्यूमोनिया के इलाज में रेडिएशन थेरेपी का ही इस्तेमाल किया जाता था। अब इस थेरेपी का इस्तेमाल पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर कोरोना के 8 मरीजों पर किया जाएगा। इसके जो नतीजे आएंगे उसका विश्लेषण किया जाएगा। अगर यह सफल रहा तो इस पर आगे भी काम किया जाएगा। डॉ. शर्मा ने बताया कि इस तरह के शोध अमेरिका,स्पेन और इटली में भी किए जा चुके हैं।

देश के पांच राज्यों में लगाई गई 960 कोच वाली ट्रेनें

भारतीय रेलवे ने देश में कोरोना महामारी के खिलाफ जंग को जारी रखते हुए आईसोलेशन वार्ड में तब्दील किये गये 5231 रेलवे कोचों को देशभर में तैनात करने के लिए कमर कस ली है। अब तक रेलवे ने देश के पांच राज्यों में 960 आईसोलेशन वार्ड वाली ट्रेनों को तैनात कर दिया है, जिनमें दिल्ली में नौ जगहों पर 503 कोच के साथ तैनात की गई कोरोना ट्रेनें भी शामिल हैं। रेल मंत्रालय ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि देश में कोरोना वायरस का संक्रमण को रोकने की दिशा में भारतीय रेलवे ने पहले से ही निरस्त की गई ट्रेनों के 5231 कोचों को आईसोलेशन वार्ड यानि कोरोना देखभाल केंद्र के रूप में तब्दील कर लिया था।

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बेकाबू होते कोरोना के खिलाफ जंग को तेज करने के लिए केंद्र सरकार ने कमान संभालते हुए दिल्ली सरकार के साथ मिलकर इस दिशा में ठोस कदम उठाने शुरू कर दिये हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की दो दिन तक विभिन्न स्तरों पर दिल्ली में कोरोना से निपटने के लिए हुए मंथन में कई महत्वपूर्ण निर्णयों पर अमल होना शुरू हो गया है। इनमें दिल्ली में रेलवे के कोरोना देखभाल केंद्रों के रूप में तब्दील किये गये कम से कम 500 ट्रेन कोचों का इस्तेमाल करने के निर्णय पर रेलवे ने पहले ही कमर कस ली है।

रेलवे के अनुसार दिल्ली में नौ अलग अलग रेलवे स्टेशनों पर 503 आईसोलेशन वार्ड युक्त ट्रेनों को तैनात कर दिया गया है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आनंद विहार टर्मिनल रेलवे स्टेशन के सात प्लेटफार्मो पर 260 कोरोना देखभाल केंद्र वाले कोच लगाए गये हैं। इसके अलावा दिल्ली कैंट रेलवे स्टेशन पर 33 कोच, आदर्शनगर रेलवे स्टेशन पर 30 कोच, सफदरजंग रेलवे स्टेशन पर 21 कोच, पटेल नगर रेलवे स्टेशन पर 26 कोच, शाहदरा व तुगलकाबाद रेलवे स्टेशन पर 13-13 कोच, सराय रोहिल्ला स्टेशन पर 50 कोच तैनात किये जा चुके हैं। जबकि शकूरबस्ती रेलवे स्टेशन पर अनलॉक-1 शुरू होते ही 59 आईसोलेशन कोचों को तैनात किया जा चुका था।

देश भर में अब तक 960 आईसेलेशन वार्ड में परिवर्तित किये गये कोचों में दिल्ली में लगाए गये 503 कोचों के अलावा बाकी 459 कोचों में राज्यों की मांग पर यूपी में 372, तेलंगाना में 60, आंध्र प्रदेश में 20 और मध्य प्रदेश में पांच कोरोना देखभाल केंद्र वाली ट्रेनों को तैनात किया गया है। रेल मंत्रालय ने बताया कि ये सभी कोच वातानुकूलित हैं, जिनमें लैपटॉप तथा फोन के लिए चार्जिंग प्वाइंट, चिकित्सक कक्ष, नर्सिंग कक्ष और स्वास्थ्यकर्मी कक्ष की सुविधा दी गई है।

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