महाराष्ट्र: कोर्ट ने समीर ठक्कर की हिरासत की समयसीमा को बढ़ाया, उद्धव और आदित्य ठाकरे के खिलाफ दिया था विवादित बयान

महाराष्ट्र: कोर्ट ने समीर ठक्कर की हिरासत की समयसीमा को बढ़ाया, उद्धव और आदित्य ठाकरे के खिलाफ दिया था विवादित बयान
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महाराष्ट्र: मुंबई पुलिस ने महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे और राज्य मंत्री आदित्य ठाकरे के खिलाफ सोशल मीडिया पर विवादित बयान के आरोप में समीर ठक्कर को गिरफ्तार किया था।

महाराष्ट्र: मुंबई के नागपुर की एक अदालत ने समीर ठक्कर को 9 नवंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया। पुलिस ने उन्हें 24 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था। इसके बाद समीत ठक्‍कर को नागपुर की एक कोर्ट ने 2 नवंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया था।

जिसे अदालत ने पुलिस हिरासत की समयसीमा को बढ़ाकर 9 नवंबर तक के लिए कर दिया है। आरोप है कि समीत ठाकुर ने महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे और राज्य मंत्री आदित्य ठाकरे के खिलाफ सोशल मीडिया पर कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।

जिसके खिलाफ मुंबई पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया था। उधर, पुलिस के द्वारा जिस तरह से समीत ठक्कर को अदालत में पेश किया गया, उससे उनके परिवार के साथ-साथ समर्थकों में काफी आक्रोश का माहौल बना हुआ है। पुलिस की इस रवैये पर लोग जमकर आलोचना कर रही है।

दरअसल, मुंबई पुलिस ने समीत ठक्कर को महाराष्ट्र सीएम उद्धव ठाकरे और उनके बेटे और मंत्री आदित्य ठाकरे के खिलाफ ट्विटर पर आपत्तिजनक टिप्पणी पोस्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। इसके बाद समीत ठक्‍कर को अदालत में पेश किया गया।

इस दौरान पुलिस ने समीत ठक्कर को काले कपड़े पहनाए गए और चेहरा ढक दिया गया था। साथ ही दोनों हाथ को बांध दिया गया था। यह देख समीत के परिवार का कहना है कि समीत के साथ आतंकियों जैसा क्यों व्‍यवहार किया जा रहा है?

वहीं, उनके सपोर्ट में पीलीभीत सांसद और भारतीय जनता पार्टी के नेता वरुण गांधी भी खड़े हैं। वरुण गांधी ने कहा कि समीत ठक्कर के साथ जिस तरह का व्‍यवहार किया गया उसे उन्‍होंने 'अमानवीय, गैरकानूनी और अनैतिक' तरीका है।

वरुण गांधी ने साथ ही कहा महाराष्‍ट्र सरकार का ये कृत्‍य अधिनायकवाद और फासीवाद की पुनरावृत्ति है। जबकि कई पार्टी नेताओं का कहना है कि समीत ठक्‍कर के खिलाफ जो कार्रवाई की वो अवैध और लोकतंत्र के लिए खिलाफ और खतरनाक है।

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