Crowdfunding For Election 2024: बीजेपी, कांग्रेस, सपा और आप... किस दल के पास कितनी संपत्ति

Crowdfunding For Election 2024: भारतीय जनता पार्टी को आगामी लोकसभा चुनाव में हराने के लिए विपक्ष ने कमर कस ली है। भ्रष्टाचार, महंगाई, बेरोजगारी, लोकतंत्र की हत्या जैसे आरोप लगाकर विपक्ष मोदी सरकार को घेरने की रणनीति बना रहा है, तो वहीं चुनाव लड़ने के लिए आर्थिक रूप से भी खुद को मजबूत कर रहे हैं। इसी कड़ी में देश के सबसे बड़े विपक्षी दल यानी कांग्रेस ने दो दिन पहले 'डोनेट फॉर देश' अभियान शुरू किया था। इस अभियान के 48 घंटे बाद कांग्रेस को करीब तीन करोड़ रुपये की चंदा राशि मिली है। बताया जा रहा है कि सबसे ज्यादा चंदा बिहार और महाराष्ट्र से मिल रहा है। आज आपको बताने जा रहे हैं कि कांग्रेस और बीजेपी के साथ दस शीर्ष क्षेत्रीय दलों के पास कितनी संपत्ति है।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने दो दिसंबर को जारी रिपोर्ट में बताया है कि शीर्ष के 10 क्षेत्रीय दलों ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के मुकाबले 2021-22 के दौरान संपत्ति में 950 करोड़ का इजाफा देखा गया। 2020-21 में इन दस क्षेत्रीय दलों ने 1959.351 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की थी, जो वित्तीय वर्ष 2021-22 में 48.48 फीसद की दर से बढ़कर 2909.186 करोड़ रुपये हो गई। खास बात है कि 2020-21 में 44 क्षेत्रीय दलों ने अपनी कुल संपत्ति घोषित की थी, वहीं 2021-22 में 37 क्षेत्रीय दलों ने ही अपनी संपत्ति घोषित की। मतलब यह है कि सात क्षेत्रीय दलों ने अपनी संपत्ति घोषित नहीं की। आंकड़ों पर नजर डालें तो वित्तीय वर्ष 2020-21 में 44 क्षेत्रीय दलों की कुल संपत्ति 2249.25 करोड़ रुपये थी, जबकि वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 37 क्षेत्रीय दलों ने 3000.62 करोड़ की कुल संपत्ति घोषित की है।
किस दल ने सबसे ज्यादा संपत्ति घोषित की
सपा ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान सबसे ज्यादा 561.46 करोड़ रुपये की राशि घोषित की थी। सपा की संपत्ति वित्तीय वर्ष 2021-22 में 1.23% बढ़कर 568.369 करोड़ रुपये हो गई। इसके बाद भारत राष्ट्र समिति ने अपनी संपत्ति 2020-21 में 319.55 करोड़ घोषित की थी, जो वित्तीय वर्ष 2021-22 में बढ़कर 512.24 करोड़ रुपये हो गई।
इन दलों की संपत्ति तेजी से बढ़ी
आंकड़ों पर नजर डालें तो डीएमके, बीजेडी और जेडीयू की संपत्ति में भारी इजाफा हुआ है। वित्तीय वर्ष 2020-21 और 2021-22 के दौरान डीएमके की संपत्ति 244.88 फीसद, बीजेडी की संपत्ति 143.92 फीसद और जेडीयू की कुल हिस्सेदारी 95.78 फीसद दर्ज की गई। इसके अलावा आम आदमी पार्टी की संपत्ति में भी इजाफा हुआ। वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान आम आदमी पार्टी की संपत्ति 21.82 करोड़ रुपये थी, जो वित्त वर्ष 2021-22 में 71.76 फीसद की दर से बढ़कर 37.477 करोड़ रुपये हो गई।
इन दलों की संपत्ति में गिरावट
शीर्ष दस क्षेत्रीय दलों में एआईएडीएमके और टीडीपी की संपत्ति में गिरावट आई है। वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान एआईएडीएमके की संपत्ति 260.166 करोड़ रुपये थी, जो वित्त वर्ष 2021-22 में 1.55 फीसद की दर से घटकर 256.13 करोड़ रुपये हो गई। इसी प्रकार टीडीपी की संपत्ति में 3.04% की गिरावट देखी गई है।
शीर्ष दलों के पास कितनी संपत्ति
बीजेपी ने वित्त वर्ष 2020-21 में 4,990 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की थी। 2021-22 में यह राशि 21.17 प्रतिशत की दर से बढ़कर 6,046.81 करोड़ रुपये हो गई। एडीआर के आंकड़ों पर नजर डालें तो 2020-21 में कांग्रेस की घोषित संपत्ति 691.11 करोड़ रुपये थी। यह राशि 16.58 प्रतिशत की दर से बढ़कर जो 2021-22 में 805.68 करोड़ रुपये हो गई।
देनदारियों में कांग्रेस सबसे आगे
एडीआर की सितंबर माह की रिपोर्ट की मानें तो देनदारी के मामले में कांग्रेस आगे है। कांग्रेस पर वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 41.95 करोड़ रुपये की देनदारी है। दूसरे स्थान पर माकपा है, जिस पर 12.21 करोड़ रुपये की देनदारी है। बीजेपी की बात करें तो तीसरे स्थान पर है और 5.17 करोड़ रुपये की देनदारियों की घोषणा की थी।
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