Cyclone Vayu : जानें कैसे तय होता है तूफानों का नाम, ये है अबतक का सबसे भयंकर चक्रवात

Cyclone Vayu : जानें कैसे तय होता है तूफानों का नाम, ये है अबतक का सबसे भयंकर चक्रवात
X
इस समय गुजरात में 'वायु' चक्रवात को लेकर लोगों को अलर्ट किया जा रहा है। इस चक्रवात का नाम भारत ने दिया है। तूफानों के नाम को लेकर अक्सर असमंज में रहा जाता है कि आखिर ये नाम कैसे रखे जाते हैं? ये तूफान कैसे आते हैं? इनकी रफ्तार कितनी होती है?

इस समय गुजरात में 'वायु' चक्रवात को लेकर लोगों को अलर्ट किया जा रहा है। इस चक्रवात का नाम भारत ने दिया है। तूफानों के नाम को लेकर अक्सर असमंज में रहा जाता है कि आखिर ये नाम कैसे रखे जाते हैं? ये तूफान कैसे आते हैं? इनकी रफ्तार कितनी होती है?

ऐसे रखे जाते हैं तूफानों के नाम

कोई भी देश अपने आप किसी तूफान का नाम नहीं तय कर सकता। विश्व मौसम संगठन और युनाइटेड नेशंस इकोनामिक एण्ड सोशल कमीशन फार एशिया एंड पैसिफिक द्वारा जारी चरणबद्ध प्रक्रियाओं के तहत किसी चक्रवात का नाम रखा जाता है।

भारत व पड़ोसी देशों में आने वाले चक्रवात का नाम कुल आठ देश (बांग्लादेश, भारत, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, श्रीलंका, और थाईलैंड) एक साथ मिलकर चक्रवातों के 64 नाम (हर देश आठ नाम) तय करते हैं। कोई भी तूफान किसी देश के हिस्से में पहुंचता है तो सूची से अगला दूसरा सुलभ नाम इस चक्रवात का रख दिया जाता है।

सभी 8 देशों की ओर से सुझाए गए नामों के पहले अक्षर के अनुसार उनका क्रम तय किया जाता है। और उसी क्रम के अनुसार इन चक्रवाती तूफानों के नाम रखे जाते हैं। तूफानों के नाम रखने का क्रम बहुत पुराना नहीं है। इसकी शुरुआत 2004 में हुई।

गुजरात में तबाही मचाने को तैयार वायु चक्रवात इस समय 80 से 90 किमी की रफ्तार से चल रहा है गुजरात के समुद्री किनारे पर पहुंचते ही इसकी रफ्तार 120 से 130 किमी के बीच पहुंच जाएगी। हालांकि यह तूफान पिछले महीने उड़ीसा में आए फोनी तूफान के मुकाबले कमजोर है।

क्यों आता है चक्रवात

पहले तो आप ये जान लीजिए कि चक्रवात है क्या, कम वायुमंडलीय दाब के चारों ओर गर्म हवाओं की तेज आंधी को चक्रवात कहते हैं। गर्म क्षेत्रों के समुद्र में सूर्य की भयंकर गर्मी से हवा गर्म होकर अत्यंत कम वायुदाब का क्षेत्र बना लेती है। गर्म हवा बहुत ही तेजी से ऊपर जाती है और वहां कि नमी से संतृप्त होकर संघनन से बादलों का निर्माण करती हैं।

खाली स्थान को भरनेक के लिए नम हवाएं तेजी के साथ नीचे जाकर ऊपर आती हैं। इस कारण ये हवाएं बहुत ही तेजी के साथ उस क्षेत्र के चारों तरफ घूमकर बादलों और बिजली कड़कने के साथ-साथ मूसलाधार बारिश होती है। और कई बार तो तेज घूमती इन हवाओं के क्षेत्र का व्यास हजारों किमी होता है।

और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App

Tags

Next Story