अब बुजुर्गों की उपेक्षा पर बहु-दामाद पर भी होगा मुकदमा, भरनपोषण और कल्याण संशोधन बिल मंजूर

अब बुजुर्गों की उपेक्षा पर बहु-दामाद पर भी होगा मुकदमा, भरनपोषण और कल्याण संशोधन बिल मंजूर
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इस संशोधन के बाद माता-पिता की अपने बच्चे, बहू-दामाद और गोद लिए गए बच्चे, सौतेले बेटे और बेटियां भी उनकी देखभाल के लिए बराबर जिम्मेदार होंगे।

माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिकों के भरणपोषण और कल्याण अधिनियम, 2007 में संशोधन करने वाले एक मसौदा विधेयक में बुजुर्ग सास-ससुर की देखभाल करने में नाकाम रहने और मासिक गुजारा खर्च नहीं मुहैया करने पर दामाद और बहू के खिलाफ मुकदमा चलाए जा सकने के प्रावधान किए गए हैं। माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिकों के भरणपोषण और कल्याण (संशोधन) अधिनियम, 2019 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अपनी मंजूरी दे दी है और इसे जल्द ही संसद में पेश किए जाने की संभावना है।

इस संशोधन के बाद माता-पिता की अपने बच्चे, बहू-दामाद और गोद लिए गए बच्चे, सौतेले बेटे और बेटियां भी उनकी देखभाल के लिए बराबर जिम्मेदार होंगे। वो ये नहीं कह पाएंगे कि वो सौतेले हैं या उनकी ये जिम्मेदारी नहीं है। यदि वे माता-पिता की देखभाल नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जा सकेगा।

बिल में यह भी शामिल

नए नियम में माता-पिता और सास-ससुर को भी शामिल किया गया है, चाहे वे सिनियर सिटिजन हो या नहीं। उम्मीद है कि अगले हफ्ते इस बिल को सदन में पेश किया जा सकता है। इसके अलावा नए संशोधन में एक और चीज को शामिल किया गया है, इसके तहत इसमें अधिकतम 10 हजार रुपये मेंटिनेंस देने की सीमा को भी खत्म किया जा सकता है। ये परिवार की हैसियत के हिसाब से तय किया जा सकता है।

देखभाल में रहे विफल तो छह माह की कैद

नए संशोधन में सजा का प्रावधान डबल कर दिया गया है, यानि इसे 6 माह बढ़ा दिया गया है, इससे पहले इस मामले में सजा का प्रावधान 3 माह ही था। दरअसल कई बार जिन बच्चों को अपने माता-पिता की देखभाल करनी होती थी वो उसको ठीक तरह से नहीं करते थे। ऐसे में बुजुर्ग माता-पिता परेशान होते थे। कई बार ऐसी शिकायतें भी सामने आई थीं।

90 दिन में निपटानी होगी मेंटीनेंस संबंधित समस्या

नए संशोधन के तहत ये भी कहा गया है कि यदि कोई सीनियर सिटीजन मेंटीनेंस की रकम से संबंधित शिकायत करता है तो उसे संबंधित महकमे को अधिकतम 90 दिन में निपटाना होगा। यदि 80 साल से अधिक उम्र के सीनियर सिटीजन है और उन्होंने इस तरह की कोई शिकायत की है तो उसको 60 दिन के समय में ही निपटाना होगा। यदि संबंधित अधिकारी ऐसा नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ भी नियमतः कार्रवाई की जाएगी।

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