UAPA संशोधन विधेयक पर राज्यसभा में चर्चा जारी, विरोध में कांग्रेस सांसद कपिल सिब्बल ने दिए ये तर्क

गुरुवार को राज्यसभा में गैरकानून गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम संशोधन विधेयक 2019 पर चर्चा जारी है। इस बिल को राज्यसभा में गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने चर्चा के लिए पेश किया। इस विधेयक पर चर्चा की शुरुआत भाजपा के सांसद प्रभात झा ने की। यह बिल पहले ही लोकसभा में पारित हो चुका है।
इस पर चर्चा करते हुए कांग्रेस सांसद औऱ पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि इस कानून के तहत दर्ज मामलों में सजा का प्रतिशत बहुत कम है, साथ ही कई मामले लंबित (Pending) पड़े हैं। कुछ मामलों में ट्रायल नहीं होता और जमानत भी नहीं मिलती। निर्दोष लोग कई सालों तक जेल में रहते हैं।
सिब्बल ने उदाहरण देते हुए कहा कि एक 12 साल के बच्चे को पोटा के तहत आरोपित दिखाया गया था। हर प्रदेश में इस कानून का दुरुपयोग हो रहा है। आतंकवाद के खिलाफ हम सभी लड़ाई चाहते हैं लेकिन जमीन पर क्या होता है यह भी जान लें। उन्होंने कहा कि ऐसे विधेयकों के विवादित प्रावधानों को कमेटी के पास भेजा जाना चाहिए वरना फिर इन विधेयकों को कोर्ट में चुनौती मिलती रहेगी। हमें उससे पहले ही कमियों को दूर कर लेना चाहिए।
कांग्रेस सांसद ने कहा कि अगर गृह मंत्रालय ने किसी को आतंकी घोषित कर दिया तो उसके पास रिव्यू और ट्रिब्यूजन के पास जाने का अधिकार है लेकिन यह विधेयक यह नहीं बताता कि उस व्यक्ति को क्यों और कब आतंकी घोषित किया।उन्होंने कहा कि किस चरण में आप किसी को आतंकी मान लेंगे, एफआईआर के वक्त, चार्जशीट के बाद, ट्रायल के बाद, इस विधेयक में स्पष्टता नहीं है। हमारे कानून में तो दोषी ठहराए जाने तक हर व्यक्ति निर्दोष है।
उन्होंने आगे कहा कि ऐसे में आप ट्रायल के दौरान ही किसी को भी आतंकी घोषित कर सकते हैं। इस विधेयक में यह प्रावधान लाने का कोई मतलब नहीं है, कल को आप किसी अर्बन नक्सल को भी आतंकी बता सकते हैं। इसके बाद तो उसकी जिंदगी खराब होनी ही है।
सिब्बल ने आगे कहा कि किस स्टेज पर सरकार तय करेगी कि कोई आतंकी है। अगर हाफिज सईद है तो वह आतंकी है, गोडसे है तो आतंकी है लेकिन आप में कहने की हिम्मत नहीं है। 1947 से आजतक आपके पास हिम्मत नहीं है कि गोडसे को आतंकी कह दें, गृहमंत्री जी आप उठकर कह दीजिए। क्योंकि ये सब नजरिए की बात है, जिस नजरिए से देखते हैं वो आतंकी हो जाता है। आज आपने ऐसे लोगों को जेल में रखा है जो शिक्षाविद हैं, संयुक्त राष्ट्र से फंडिंग लेते हैं, उनको कल आप नोटिफिकेशन के जरिए आतंकी कह देंगे। यह सब आपकी मंशा पर निर्भर करेगा।
बता दें कि यह विधेयक लोकसभा में पहले ही पास किया जा चुका है। इसके तहत एनआईए (National Investigation Agency)को ज्यादा अधिकार दिए गए हैं। साथ ही किसी भी व्यक्ति को आतंकी घोषित करने जैसे अधिकार दिए गए हैं।
और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS