Defamation Case: मोदी सरनेम केस में Rahul को SC से बड़ी राहत, सजा पर लगाई रोक, सदस्यता हुई बहाल

Defamation Case: मोदी सरनेम केस में Rahul को SC से बड़ी राहत, सजा पर लगाई रोक, सदस्यता हुई बहाल
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Defamation Case: मोदी सरनेम मानहानि केस (Defamation Case) में सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Congress leader Rahul Gandhi) को बड़ी राहत दे दी है। कोर्ट ने कहा कि गुजरात हाई कोर्ट का फैसला काफी दिलचस्प है। राहुल गांधी का बयान उतना भी अपमानजनक नहीं था। पढ़ें कोर्ट में क्या-क्या हुआ...

Defamation Case: मोदी सरनेम (Modi surname) मानहानि मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Congress leader Rahul Gandhi) को बड़ी राहत दे दी है। कोर्ट ने राहुल की याचिका पर सुनवाई करते हुए सजा पर रोक लगी दी है। ऐसे में राहुल गांधी की सदस्यता भी बहाल कर दी गई है। कोर्ट ने कहा कि जब तक मामले में अपील लंबित है, तब तक के लिए सजा पर रोक लगाई जाती है। कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट के आदेश के प्रभाव व्यापक हैं। इससे न केवल राहुल का सार्वजनिक जीवन में बने रहने का अधिकार प्रभावित हुआ, बल्कि उन्हें चुनने वाले मतदाताओं का अधिकार भी प्रभावित हुआ।

राहुल गांधी का बयान अपमानजनक नहीं था- SC

कोर्ट ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि बयान अच्छे मूड में नहीं होते हैं, सार्वजनिक जीवन में व्यक्ति से सार्वजनिक भाषण देते समय सावधानी बरतने की उम्मीद की जाती है। जैसा कि इस अदालत ने अवमानना याचिका में उनके हलफनामे को स्वीकार करते हुए कहा, राहुल गांधी अधिक सावधान रहना चाहिए था। सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाई कोर्ट से सवाल पूछते हुए कहा कि राहुल गांधी अधिकतम सजा देने की क्या जरूरत थी। यह फैसला काफी दिलचस्प है। SC ने आगे कहा कि ट्रायल कोर्ट ने अधिकतम सजा सुनाने का कारण भी नहीं बताया है। अधिकतम सजा देने से एक संसदीय क्षेत्र प्रभावित हुआ है, यह गैर जरूरी था।

राहुल ने लगाई थी दोषसिद्धि पर रोक की याचिका

राहुल गांधी ने बीते दिन कोर्ट में खुद को दोषसिद्धि पर रोक लगाने की मांग करते हुए जवाब दाखिल किया था। राहुल गांधी की ओर से वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने पक्ष रखा है। उन्होंने कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि राहुल पर आरोप जमानती है। मोदी सरनेम वाली कोई एक स्पेशल जाती नहीं है। अलग-अलग जाति के लोग अपने नाम में मोदी सरनेम का इस्तेमाल करते हैं। इसलिए राहुल गांधी को दोषमुक्त कर उनकी सदस्यता बहाल करनी चाहिए।

पूर्णेश मोदी ने बाद में बदला नाम- सिंघवी

वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने आगे कहा कि राहुल गांधी के 3 पेज की भाषण में सिर्फ एक लाइन ऐसा है, जिस पर केस दर्ज हुआ है। शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी का असली सरनेम मोदी नहीं है, उन्होंने बाद में अपना नाम बदला है। वैसे भी मोदी सरनेम वाले लोगों का कोई निश्चित वर्ग नहीं होता है। उन्होंने आगे कहा कि राहुल गांधी ने अपने भाषण में जिन-जिन का नाम लिया, उनमें से पूर्णेश मोदी की नाम भी नहीं है। ऐसे में पूर्णेश मोदी द्वारा मानहानि केस दायर करने का कोई औचित्य ही नहीं है। सिंधवी ने कहा कि राहुल गांधी पर कोई ऐसा मामला नहीं है, जो समाज के खिलाफ अपराध का हो। ये कोई रेप या फिर मर्डर का आरोप नहीं है। यह आरोप साधारण और जमानती है।

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