रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर में भरी उड़ान, कहा- आंधी हो या तूफान 'प्रचंड'...

स्वदेशी तकनीक से बनाया गया लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (Light Combat Helicopter) भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) में शामिल हो गया है। इस लड़ाकू हेलीकॉप्टर से भारतीय वायुसेना की ताकत और बढ़ गई है, क्योंकि यह मल्टिपर्पज हेलीकॉप्टर (Multipurpose Helicopter) कई तरह की मिसाइलों से लैस है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी की उपस्थिति में जोधपुर में एक समारोह में 10 हेलीकॉप्टरों को भारतीय वायु सेना में शामिल किया गया।
इन हेलीकॉप्टरों का नाम 'प्रचंड' (Prachanda Helicopter) रखा गया है। इसी बीच राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने राजस्थान के जोधपुर एयरबेस स्टेशन से प्रचंड (हल्का लड़ाकू हेलीकॉप्टर) में भी उड़ान भरी। उड़ान के बाद रक्षा मंत्री ने कहा कि स्वदेश निर्मित लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (एलसीएच) में यह एक सहज और आरामदायक उड़ान थी। यह किसी भी इलाके, मौसम और ऊंचाई में उड़ सकता है।
मेरी उड़ान बहुत ही स्मूद और आरामदायक थी ये कारगिल से लेकर कन्याकुमारी तक कही भी उड़ान भर सकती है। ये दिन-रात और बारिश में भी उड़ान भर सकती है। इसके साथ ही इस हेलीकॉप्टर में अपने टारगेट को अटैक करने की क्षमता है: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह https://t.co/PERz5EPavN pic.twitter.com/7HlX4wSllc
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 3, 2022
इसमें आक्रमण करने की क्षमता है। हमारा आदर्श वाक्य है- "मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड"। उन्होंने आगे कहा मेरी उड़ान बहुत ही स्मूद और आरामदायक थी ये कारगिल से लेकर कन्याकुमारी तक कही भी उड़ान भर सकता है। ये दिन-रात और बारिश में भी उड़ान भर सकता है। इसके साथ ही इस हेलीकॉप्टर में अपने टारगेट को अटैक करने की क्षमता है। वायुसेना को 'प्रचंड' सौंपते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि भारतीय वायुसेना ( Indian Air Force) ने देश की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाई है।
आंतरिक खतरे हों या बाहरी युद्ध, IAF ने हमेशा अपने साहस और बहादुरी से राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत किया है। स्वदेश में विकसित एलसीएच के शामिल होने से वायु सेना की कुशलता में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि स्वदेश में विकसित लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (Light Combat Helicopter) को शामिल करने से हमारी क्षमता बढ़ेगी और रक्षा उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।
LCH में शामिल होने के लिए नवरात्रि और योद्धाओं की भूमि राजस्थान से बेहतर समय नहीं हो सकता था। रक्षा मंत्री ने कहा, लंबे समय से हमलावर हेलीकॉप्टरों की आवश्यकता थी और 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान इसकी आवश्यकता को गंभीरता से महसूस किया गया था। एलसीएच दो दशकों के अनुसंधान एवं विकास का परिणाम है। और IAF में इसका शामिल होना रक्षा उत्पादन में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
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