रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा दोनों देश चाहते हैं तनाव घटाना, चीन से चल रही है बातचीत

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा दोनों देश चाहते हैं तनाव घटाना, चीन से चल रही है बातचीत
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वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच करीब एक महीने से जारी तनातनी को लेकर पहली बार रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा है कि इस विवाद को खत्म करने के लिए दोनों देशों के बीच सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर बातचीत चल रही है।

वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच करीब एक महीने से जारी तनातनी को लेकर पहली बार रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा है कि इस विवाद को खत्म करने के लिए दोनों देशों के बीच सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर बातचीत चल रही है। यह जानकारी रक्षा मंत्री ने यहां शनिवार को एक निजी समाचार चैनल से बातचीत के दौरान दी।

भारत और चीन एलएसी से जुड़ी किसी भी समस्या के हल के लिए हमेशा से ही वर्षों पुराने स्थापित बातचीत के समाधान तंत्र का ही प्रयोग करते हैं। इस बार भी इसका ही किया जा रहा है। अमेरिका की इस मामले में मध्यस्था का कोई प्रश्न ही नहीं उठता है। इसे लेकर भारत और चीन ने अपना-अपना रूख बिलकुल स्पष्ट कर दिया है। गौरतलब है कि हाल ही में एलएसी विवाद को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप ने भारत और चीन के समक्ष मध्यस्थता की पेशकश की थी। जिसे दोनों ने ही खारिज कर दिया है।

दोनों चाहते हैं समाधान

रक्षा मंत्री ने कहा कि अब तक के पूरे घटनाक्रम को देखें तो दोनों देशों ने यह बिलकुल स्पष्ट कर दिया है कि वह एलएसी समस्या का समाधान चाहते हैं। चीन ने भी इसके संकेत दिए हैं और भारत हमेशा से ही एलएसी विवाद का बातचीत से हल निकालने का इच्छुक रहा है। इसमें किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की कोई आवश्यकता नहीं है। क्योंकि दोनों देशों के बीच समस्याओं के समाधान के लिए तंत्र मौजूद है।

बीते शुक्रवार को ही मेरी अमेरिकी रक्षा मंत्री डॉ़ मार्क टी एस्पर से फोन पर बातचीत हुई। उस दौरान उन्होंने मध्यस्थता की बात दोहराई थी। जिसपर मैंने उन्हें बताया है कि भारत और चीन के बीच पहले से सीमा विवाद का हल निकालने के लिए तंत्र मौजूद है। अगर कोई समस्या हो तो सैन्य और कूटनीतिक बातचीत से ही उसका हल निकाला जाता है।

रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत की नीति बहुत साफ है कि हमारा सभी पड़ोसियों के साथ संबंध अच्छा हो। लंबे समय से इसके लिए प्रयास किया गया है। लेकिन कुछ समय से चीन के साथ ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न होती हैं, जिससे तनाव बढ़ने जैसे हालात भी बनते हैं। इस तरह की चीजें पहले भी हुई हैं। मुद्दों के समाधान के लिए कोशिश जारी है।

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