Delhi Jal Board: दिल्ली जल बोर्ड में करोड़ों का घोटाला, 3 आरोपी गिरफ्तार, जानें पूरा मामला

दिल्ली जल बोर्ड में 20 करोड़ रुपए घोटाले की बात सामने आई थी। मामले में आज 13 फरवरी को एंटी करप्शन ब्रांच ने 3 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। एंटी करप्शन ने घोटाले के आरोप में Aurrum E Payment के मालिक और डायरेक्टर रह चुके राजेंद्रन नायर, Aurrum E Payment Company का सीएफओ रह चुके गोपी कुमार केडिया और डॉक्टर अभिलाष पिल्लई को गिरफ्तार किया है। डॉक्टर अभिलाष पिल्लई Fresh Pay It Solution का डायरेक्टर रहने के साथ-साथ Aurrum E Payment Company में Authorised Signatory के पद पर भी तैनात थे।
क्या है पूरा मामला?
दिल्ली की एंटी करप्शन ब्रांच को जल बोर्ड में घोटाले की शिकायत मिली थी। शिकायत के मुताबिक, दिल्ली जल बोर्ड ने कॉर्पोरेशन बैंक को अपने उपभोक्ताओं के बिल कलेक्शन का जिम्मा दिया था। इसके लिए कॉर्पोरेशन बैंक से साल 2012 में 3 साल तक के लिए अनुबंध किया गया था। इसके बाद इस अनुबंध को पहले 2016, फिर 2017 और अंत में 2019 तक के लिए बढ़ा दिया गया। इस दौरान उपभोक्ताओं के कैश और चेक के लिए जल बोर्ड के स्थानीय दफ्तरों में ई-क्योस्क मशीनें लगाई गई थीं, ताकि उपभोक्ता अपने पानी के बिल जमा करा सकें।
मामले में एसीबी सूत्रों ने बताया कि कॉरपोरेशन बैंक ने कैश और चेक कलेक्शन की जिम्मेदारी M/s Fresh Pay IT Solution Pvt Ltd के हाथ सौंप दी थी। उसे इस पैसे को दिल्ली जल बोर्ड के अकाउंट में जमा कराने के लिए कहा गया था, लेकिन इस कंपनी ने सभी पैसे कलेक्ट कर फेडरल बैंक के एक खाते में जमा करा दिए। फेडरल बैंक के जिस खाते में पैसा जमा कराया गया वह खाता M/s Aurrum E-Payment Pvt Ltd कंपनी के नाम पर था।
इसके बाद फेडरल बैंक के जिस खाते में पैसा आया उससे RTGS के जरिए अलग-अलग तारीखों में पैसा ट्रांसफर कर दिया। दिल्ली जल बोर्ड को इस फर्जीवाड़े की जानकारी साल 2019 में मिली थी। इसके बाद जल बोर्ड ने अपना पैसा वापस पाने के लिए बजाए कॉन्ट्रैक्ट रिन्यू कर दिया। इसके बाद इसकी शिकायत एंटी करप्शन ब्रांच को प्राप्त हुई थी। इस मामले में एंटी करप्शन ब्रांच आज सोमवार को तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।
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