Delhi Election 2020: जानें आखिर दिल्ली चुनाव में जजपा क्यों दिखा रही दिलचस्पी, बना रही AAP के खिलाफ रणनीति

दिल्ली विधानसभा चुनावों को लेकर जेजेपी की दिल्ली में आज बैठक होने जा रही है। पार्टी अध्यक्ष दुष्यंत चौटाला की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में दिल्ली में विधानसभा चुनावों की रणनीति पर फैसला लिया जाएगा। यदि बैठक में दिल्ली में चुनाव लड़ने का फैसला लिया जाता है तो इससे दिल्ली चुनावों के नतीजों पर क्या फर्क पड़ेगा।
राजनैतिक विश्लेषकों का मामना है कि हरियाणा में जेजेपी-बीजेपी गठबंधन की सरकार है। ऐसे में जेजेपी अकेले चुनावों में उतरने का फैसला लेने से बचेगी क्योंकि गठबंधन धर्म को निभाना भी राजनीतिक दलों के लिए वोटरों को भ्रमित होने से बचाने के लिए जरूरी होता है।
बीजेपी-जेजेपी गठबंधन- आप को नुकसान
जेजेपी दिल्ली में बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ती है, तो इससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि आम आदमी पार्टी को चुनाव में कुछ न कुछ नुकसान उठाना पड़ सकता है। हो यह भी सकता है कि बीजेपी-जेजेपी गठबंधन मिलकर भी दिल्ली की जनता पर कोई खास असर नहीं छोड़ पाएं।
हरियाणा में बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सरकार ने पेंशन बढ़ोतरी के लिए जो वायदे किए थे, उन्हें पूरा करने के लिए अब सरकार कह रही है कि पूरी पेंशन राशि चरणबद्ध तरीके से 5 साल में बढ़ाई जाएगी।
दिल्ली में आप के चुनावी वादे
दिल्ली चुनावों में केजरीवाल का महिलाओं को बस में फ्री यात्रा का तोहफा देना जेजेपी की रणनीति पर भारी भी पड़ सकता है। दिल्ली में केजरीवाल ने 200 यूनिट तक बिजली बिल को माफ कर दिया है ऐसे में लोगों में केजरीवाल का जादू बरकरार भी रह सकता है।
जजपा से होगा फायदा या नुकसान
दिल्ली चुनावों में जेजेपी का लड़ना बीजेपी की अहम रणनीति का हिस्सा भी हो सकता है। अभी यह सारी बातें केवल कयासों पर आधारित हैं। जेजेपी की बैठक के बाद ही यह साफ हो पाएगा कि चुनावी मैदान में दुष्यंत चौटाला जाना चाहते हैं या नहीं। जेजेपी हरियाणा में किंगमेकर की भूमिका में आ चुकी है ऐसे में जेजेपी अपने भविष्य की रणनीति को लेकर ही कोई निर्णय करेगी।
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