SC से LG को झटका, दिल्ली सरकार ही रहेगी Delhi की बॉस, बढ़ी शक्तियां

SC से LG को झटका, दिल्ली सरकार ही रहेगी Delhi की बॉस, बढ़ी शक्तियां
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दिल्ली सरकार (Delhi Government) और एलजी (LG) के विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपना फैसला सुनाया है। कोर्ट ने अधिकारियों के पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली सरकार को दे दी है। पढ़ें पूरा फैसला...

दिल्ली सरकार (Delhi Government) और एलजी (LG) के बीच पोस्टिंग के अधिकार को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने अधिकारियों के पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली सरकार को दे दी है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से दिल्ली के एलजी को बड़ा झटका लगा है। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर किसी मामले में केंद्र सरकार का कोई कानून नहीं बना है, तो दिल्ली सरकार भी कानून बना सकती है। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार के कामों में केंद्र को दखलंदाजी नहीं करना है। कोर्ट ने कहा कि एलजी चुनी हुई सरकार की सलाह माने। एलजी दिल्ली सरकार की सलाह और मदद से सरकार चलाए।

क्या है पूरा मामला

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली सरकार और एलजी अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार की मांग कर रही है। इसी साल के 18 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था। दरअसल दिल्ली में प्रशासनिक सेवाएं किसके नियंत्रण में होंगी, इस पर सुप्रीम कोर्ट के दो जजों की बेंच ने 14 फरवरी 2019 को फैसला सुनाया था। लेकिन उस दौरान दोनों जजों का मत अलग था। लिहाजा फैसले के लिए तीन जजों की बेंच गठित की गई। इसको लेकर केंद्र ने दलील दी थी कि मामले को और बड़ी बेंच यानी संविधान पीठ को भेजा जाए।

दोनों जजों के अलग थे फैसले

बता दें कि 4 जुलाई 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार बनाम उपराज्यपाल विवाद में कई मसलों पर फैसला सुनाया था। लेकिन सर्विसेज यानी अधिकारियों पर नियंत्रण जैसे कुछ मुद्दों पर फैसला नहीं सुनाया था, इसे आगे की सुनवाई के लिए छोड़ दिया था। इसके बाद 14 फरवरी 2019 को इस मसले पर 2 जजों की बेंच ने फैसला दिया, लेकिन दोनों न्यायमूर्तियों का फैसला एक दूसरे से अलग था। इसके बाद मामला 3 जजों की बेंच के सामने पेश किया गया। इसके बाद केंद्र के कहने पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच ने मामला सुना।

दिल्ली सरकार ने दी ये दलील

दिल्ली सरकार ने मामले में दलील पेश करते हुए कहा कि 2018 में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ कह चुकी है कि भूमि और पुलिस जैसे कुछ मामलों को छोड़कर अन्य सभी मामलों में दिल्ली सरकार की सर्वोच्चता रहेगी। यानी अन्य तमाम फैसले दिल्ली सरकार के नियंत्रण में रहेगी। वहीं मामले में केंद्र सरकार ने कहा था कि गवर्नमेंट ऑफ एनसीटी ऑफ दिल्ली एक्ट में किए गए संशोधन से नियमों में बदलाव किया गया है। केंद्र ने कहा कि दिल्ली सरकार को पूर्ण राज्य की सरकार जैसे अधिकार नहीं दिए जा सकते।

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