Delhi Liquor Scam: मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से झटका, जमानत याचिका खारिज

Delhi Liquor Scam: सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी के लिए अब खत्म हो चुकी शराब नीति से जुड़े भ्रष्टाचार और धन-शोधन के मामलों में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की दो अलग-अलग नियमित जमानत याचिकाएं आज खारिज कर दी। फैसला जस्टिस संजीव खन्ना और एसवीएन भट्टी की पीठ ने सुनाया है। पीठ ने दोनों याचिकाओं पर 17 अक्टूबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट ने कहा कि 338 करोड़ रुपये के हस्तांतरण के संबंध में एक पहलू अस्थायी रूप से स्थापित है। इसी वजह से हमने जमानत के लिए आवेदन खारिज कर दिए हैं।
कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था
17 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय से कहा कि अगर दिल्ली की शराब नीति घोटाले में बदलाव के लिए कथित तौर पर दी गई रिश्वत आपराधिक अपराध का हिस्सा नहीं है, तो मनीष सिसोदिया के खिलाफ मनी-लॉन्ड्रिंग मामले को साबित करना मुश्किल होगा। कोर्ट ने केंद्रीय एजेंसी से कहा था कि वह रिश्वत दिए जाने की धारणा पर नहीं चल सकती और कानून के तहत जो भी सुरक्षा है, उसे दी जानी चाहिए।
Supreme Court dismisses the bail plea of former Delhi Deputy CM Manish Sisodia in connection with cases related to alleged irregularities in the Delhi Excise Policy case. pic.twitter.com/3gAYUMGW9I
— ANI (@ANI) October 30, 2023
हाई कोर्ट ने नहीं दी थी जमानत
दिल्ली हाई कोर्ट ने 30 मई को सीबीआई मामले में उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था और कहा था कि उपमुख्यमंत्री और उत्पाद शुल्क मंत्री रहने के कारण वह एक हाई-प्रोफाइल व्यक्ति हैं जो गवाहों को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं। 3 जुलाई को, कोर्ट ने दिल्ली के शराब घोटाले में अनियमितताओं से जुड़े धन-शोधन मामले में उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया, यह कहते हुए कि उनके खिलाफ आरोप बहुत गंभीर प्रकृति हैं।
दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को नीति लागू की थी, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सितंबर 2022 के अंत में इसे रद्द कर दिया। जांच एजेंसियों के मुताबिक, नई नीति के तहत थोक विक्रेताओं का मुनाफा मार्जिन 5 से बढ़ाकर 12 फीसदी कर दिया गया है।
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