Delhi Air Pollution: दिल्लीवालों की जान पर भारी पड़ रही पंजाब की धान, एमएसपी रोक दी जाए तो बदल जाएगी तस्वीर

Punjab responsible for delhi air pollution: दिल्ली-एनसीआर समेत आसपास के राज्यों में रहने वाले लोग वायु प्रदूषण की समस्या से परेशान हैं। आरोप लगाया जा रहा है कि पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने के चलते दिल्ली के लोगों का दम भी जहरीली हवा के चलते घूंट रहा है। अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए दिल्ली सरकार जहां पंजाब को क्लीन चिट देकर हरियाणा और उत्तर प्रदेश को जिम्मेदार ठहरा चुकी है, वहीं यूपी और हरियाणा सरकार ने आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार को कटघरे में खड़ा कर रखा है। खास बात है कि सुप्रीम कोर्ट ने भी वायु प्रदूषण के लिए पंजाब को कड़ी फटकार लगाई है। यही कारण है कि दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है। अब सवाल उठता है कि इस बैठक के बाद क्या वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएंगे या फिर खानापूर्ति की जाएगी। चलिये जानते हैं कि सुप्रीम कोर्ट में वायु प्रदूषण से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान क्या सुझाव दिए गए हैं।
पंजाब में धान पर एमएसपी को बंद करने का तर्क
सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण मामले पर 7 अक्टूबर को सुनवाई करते हुए पंजाब से पूछा था कि क्या धान की फसल पर एमएसपी खत्म करने का विकल्प था। कोर्ट ने कहा कि धान की फसल का उत्पादन कम करने के लिए किसानों को बाजरा सहित पारंपरिक फसलों की ओर प्रोत्साहित करना चाहिए। कोर्ट को जवाब देते हुए पंजाब के महाधिवक्ता गुरमिंदर सिंह ने कहा कि धान से एमएसपी हटाना 'पूर्ण एकदिवसीय समाधान' हो सकता है। उन्होंने कहा कि हमें अपनी फसलों में विविधता लाने की जरूरत है। किसानों को वैकल्पिक फसलों पर एमएसपी दी जानी चाहिए।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पराली जलाने वाले किसानों को गिरफ्तार करके वायु प्रदूषण की समस्या से निजात नहीं पाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि हम किसी अन्य राज्यों को भी प्रदूषण के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराना चाहते हैं बल्कि हम इस समस्या के निदान में सहयोगी बनना चाहते हैं। कोर्ट ने भी इस दलील पर सहमति जताई और कहा कि धान की खेती को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करके किसानों को वैकल्पिक फसलों की ओर प्रोत्साहित करना जरूरी है।
आप बोली- केंद्र और हरियाणा सरकार जिम्मेदार
आम आदमी पार्टी की रणनीति पंजाब के महाधिवक्ता गुरमिंदर सिंह के तर्क से उलट नजर आती है। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद आप आप के प्रवक्ता मलविंदर सिंह कांग ने कहा कि पंजाब में पराली जलाने की समस्या से निपटने के लिए केंद्र और हरियाणा सरकार को सहयोग करना चाहिए और फंड स्थापित करना चाहिए। साथ ही, उन्होंने वैकल्पिक फसलों के लिए भी एमएसपी की भी मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत मान ने पराली जलाने की समस्या से निपटने के लिए एक फंड स्थापित करने का प्रस्ताव केंद्र और हरियाणा सरकार को भेजा था, लेकिन इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया। उन्होंने कहा कि अगर हरियाणा और केंद्र सरकार चाहती तो लोगों को वायु प्रदूषण की समस्या का सामना नहीं करना पड़ता।
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