Maratha Quota Stir: मराठा आरक्षण की मांग तेज, सीएम शिंदे ने आज बुलाई सर्वदलीय बैठक

Maratha Quota Stir: मराठा आरक्षण की मांग तेज, सीएम शिंदे ने आज   बुलाई सर्वदलीय बैठक
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Maratha Quota Stir: मराठवाड़ा क्षेत्र के साथ-साथ राज्य के अन्य हिस्सों में मराठा आरक्षण का मुद्दा गहराने लगा है। इसी देखते हुए सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार ने आज सर्वदलीय बैठक बुलाई है।

Maratha Reservation Row: 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले विवादास्पद मराठा आरक्षण मुद्दा एक बार फिर केंद्र में आ गया है। राज्य के अलग-अलग हिस्सों में मराठा आरक्षण की मांग उठ रही है। इस आंदोलन का नेतृत्व करने वाले मनोज जारांगे-पाटिल ने हाल ही में घोषणा की कि वे भूख हड़ताल पर चले जाएंगे। वहीं, ओबीसी समूहों और कुनबियों - मराठा समुदाय के एक समुदाय ने इस कदम का विरोध किया है। समर्थकों और विरोध करने वालों के बीच फंसी भाजपा-शिवसेना (BJP-Shiv Sena) के नेतृत्व वाली राज्य सरकार (State Government) ने आज सर्वदलीय बैठक बुलाई है।

महाराष्ट्र के सीएम ने बुलाई सर्वदलीय बैठक

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने मराठा आरक्षण के मुद्दों का हल निकालने और मामले पर मौजूदा गतिरोध को तोड़ने के प्रयास में सोमवार यानी आज एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यह मीटिंग 'सह्याद्री गेस्ट हाउस' में की जाएगी। इसमें कई पार्टियों के शीर्ष नेताओं के शामिल होने की उम्मीद जताई गई है।

मराठा संगठन ने ठाणे में बंद का आह्वान किया

पिछले हफ्ते जालना में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस लाठीचार्ज (Police Lathicharge) की निंदा करने के लिए सोमवार यानी आज महाराष्ट्र (Maharashtra) के ठाणे शहर में एक मराठा संगठन ने 'बंद' बुलाया है। राज्य में विपक्षी दलों के स्थानीय नेताओं ने संभाजी ब्रिगेड समर्थित सकल मराठा मोर्चा द्वारा बुलाए गए 'बंद' को समर्थन देने की घोषणा की है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (Sharad Pawar), शिवसेना (UBT), महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) और कांग्रेस की शहर इकाई ने बंद के प्रति समर्थन व्यक्त किया है। मराठा समुदाय द्वारा बुलाए गए बंद के जवाब में आज पूरे शहर में पुलिस बल तैनात किया गया है। पुलिस तैनाती को लेकर पुलिस अधिकारी सुबह से ही स्थिति का आकलन कर रहे हैं।

मराठा आरक्षण को लेकर हलचल तेज

राज्य की लगभग एक तिहाई आबादी के साथ मराठा समुदाय की महाराष्ट्र की राजनीति में प्रभावशाली उपस्थिति है। समुदाय सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण (Reservation) की मांग कर रहा है। आरक्षण की मांग 1981 से राज्य की राजनीति का एक अभिन्न हिस्सा बनी हुई है और कई बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए हैं। इस तरह का पहला विरोध प्रदर्शन लगभग 32 साल पहले मथाडी लेबर यूनियन के नेता अन्नासाहेब पाटिल ने मुंबई में किया था।

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