Independence Day 2022: स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर तिरंगा फहराने के तरीके में क्या है फर्क- जानिए इतिहास और महत्व!

Independence Day 2022: भारत में 15 अगस्त दिन सोमवार को स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) मनाया जाएगा। देश (India) को आजादी मिले 75 साल हो चुके हैं। इस अवसर पर पूरे देश में 'आजादी का अमृत महोत्सव' अभियान चलाया जा रहा है। बता दें कि वर्ष 1947 में इस दिन भारत ब्रिटिश शासन (British Rule) से आजाद हुआ था। देश को अंग्रेजों से आजादी दिलाने में कई महापुरुषों ने बलिदान दिया। वहीं महात्मा गांधी ने देश को आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। इस दिन देश को आजादी दिलाने के लिए शहीद हुए स्वतंत्रता सेनानियों (Freedom Fighters) के वलिदान को याद किया जाता है।
स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस का इतिहास
बता दें कि 15 अगस्त 1947 को भारत ब्रिटिश शासन से आजाद हुआ था। इसलिए इस दिन को हर साल भारत के स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है। वहीं, देश की आजादी के तीसरे साल यानी 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ। इसलिए इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। दोनों ही दिवस राष्ट्रीय पर्व हैं। देश में संविधान लागू होने के बाद भारत गणतंत्र देश बन गया। जो अब किसी विदेशी देश के निर्णयों और आदेशों का पालन करने के लिए बाध्य नहीं था। साथ ही कोई अन्य देश भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं।
तिरंगा फहराने के तरीके में ये है फर्क
15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) और 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस) दोनों ही राष्ट्रीय पर्व हैं। इन्हें मनाने के तरीके भी अलग-अलग हैं। 15 अगस्त और 26 जनवरी को पूरे देश में झंडा फहराया जाता है। स्वतंत्रता दिवस पर नीचे से रस्सी खींचकर झंडा फहराया जाता है। इसे फ्लैगिंग कहा जाता है। लेकिन 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर तिरंगा ऊपर ही फहराया जाता है। यह पूरी तरह से खुले में फहराया जाता है। इस प्रक्रिया को संविधान में ध्वजारोहण के रूप में संदर्भित किया गया है।
स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री का भाषण
15 अगस्त को देश के प्रधानमंत्री स्वतंत्रता दिवस पर झंडा फहराते हैं। तब तक देश का संविधान लागू नहीं हुआ था। ऐसे में देश का नेतृत्व प्रधानमंत्री के हाथ में था। इसलिए तब से प्रधानमंत्री के लिए झंडा फहराने की परंपरा है। भारत का संविधान 26 जनवरी को लागू हुआ। संविधान के अनुसार देश का संवैधानिक मुखिया राष्ट्रपति होता है। इसलिए 26 जनवरी को राष्ट्रपति तिरंगा फहराते हैं। इस दिन राष्ट्रपति राष्ट्र को संदेश देते हैं।
लाल किले से फहराया जाएगा झंडा
15 अगस्त को झंडा फहराने और 26 जनवरी को तिरंगा फहराने में भी अंतर है। स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर से झंडा फहराते हैं। जिसमें नीचे से रस्सी खींचकर तिरंगा फहराया जाता है। वहीं 26 जनवरी को राष्ट्रपति तिरंगा लाल किले से नहीं बल्कि दिल्ली में राजपथ पर फहराते हैं।
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