राम मंदिर घोटाला: दिग्विजय सिंह बोले- न राम के न काम के, ये नतमस्तक हैं आगे के दाम के, भाजपा सरकार पर लगाया ये आरोप

राम मंदिर घोटाला: दिग्विजय सिंह बोले- न राम के न काम के, ये नतमस्तक हैं आगे के दाम के, भाजपा सरकार पर लगाया ये आरोप
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राम मंदिर निर्माण में भी भ्रष्टाचार का अवसर ढूँढ लिया? VHP ना पूर्व में एकत्रित चंदे का हिसाब देती है ना अब उनसे उम्मीद है। योगी जी आप तो अपने मुख्यमंत्री रहते हुए भगवान राम मंदिर निर्माण में इस प्रकार का भ्रष्टाचार तो ना होने दें। यदि यह सही नहीं है तो स्पष्टीकरण दें।

राम मंदिर निर्माण के लिए खरीदी गई जमीन के तथाकथित भ्रष्टाचार के मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर हमला किया है। इसी साथ कांग्रेस नेता ने मोदी सरकार पर भी हमला किया है और सरकार के वादों को जुमला बताया है। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने अपने ट्विटर अकाउंट से एक के बाद एक कई ट्वीट किए हैं। दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा कि "देखो ऐ दीवानों तुम ये काम न करो

राम का नाम बदनाम न करो…" भूमि ख़रीद में 16 करोड़ का घोटाला है तो हज़ारों करोड़ मंदिर निर्माण में जो चंदा उगाया गया है उसमें मौजूदा ट्रस्ट जिसमें VHP के पदाधिकारी व मोदी जी द्वारा मनोनीत सदस्य हैं वे कितना और भ्रष्टाचार करेंगे? अंदाज़ा लगाएँ।

राम मंदिर निर्माण में भी भ्रष्टाचार का अवसर ढूँढ लिया? VHP ना पूर्व में एकत्रित चंदे का हिसाब देती है ना अब उनसे उम्मीद है। योगी जी आप तो अपने मुख्यमंत्री रहते हुए भगवान राम मंदिर निर्माण में इस प्रकार का भ्रष्टाचार तो ना होने दें। यदि यह सही नहीं है तो स्पष्टीकरण दें।

इसके अलावा भी दिग्विजय सिंह ने कई ट्वीट किए हैं। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि मोदी जी आप से पूर्व में ही मैंने अनुरोध किया था कि नए ट्रस्ट के गठन के बजाय आप पूर्व से गठित रामालय ट्रस्ट को ही निर्माण का काम सौंप दें। रामालय न्यास जिसमें देश के सभी सनातनी हिंदू धर्म के मान्यता प्राप्त शंकराचार्य जी व रामानन्दी सम्प्रदाय के प्रमुख सदस्य हैं।

लेकिन आपने उसका राजनीतिकरण कर पूरा न्यास VHP/RSS को सौंप दिया। यह वही संघटन गठबंधन है जिसने पूर्व में मंदिर निर्माण में 1400 करोड़ चंदे का हिसाब अब तक नहीं दिया। निर्मोही अखाड़े के अनेक सदस्यों द्वारा कई बार माँगने पर भी हिसाब नहीं दिया गया। और पूर्व से गठित रामालय न्यास को भगवान राम मंदिर निर्माण का काम सौंपे।

यदि आपके द्वारा गठित न्यास पर भ्रष्टाचार का आरोप लगता है तो आप पर भी लगता है। आपने 2014 में वादा किया था "ना खाउंगा ना खाने दूँगा" लेकिन वह भी एक और जुमला ही निकला। यदि यह आरोप सही है और आप ईमानदार हैं तो तत्काल मौजूदा न्यास को भंग कर पूरे प्रकरण को CBI व ED को सौंपें। और ट्वीट करते हुए लिखा कि न राम के न काम के, ये नतमस्तक हैं आगे के दाम के। मंदिर वो ही बनाएंगे ! जो चंदा पूरा खाएंगे !! चंदे का हिसाब मांगने वाले देशद्रोही कहलायेंगे। 5 मिनट में 16 करोड़ कमाएं , आइये मिलकर मंदिर बनाएं।

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