वायु प्रदूषण को लेकर संसद में चर्चा, भाजपा सांसदों ने यज्ञ व कृत्रिम बारिश करवाने को कहा

दिल्ली समेत देश के विभिन्न शहरों में वायु प्रदूषण को समाप्त करने के लिए लोकसभा सदस्यों ने गुरूवार को अनेक उपाय सुझाये और भाजपा के एक सदस्य ने वृक्ष लगाने के साथ ही हवा शुद्ध करने के लिए यज्ञ की परंपरा पर प्रयोग करने की बात कही, वहीं एक अन्य सदस्य ने क्लाउड सीडिंग को तात्कालिक उपाय बताया। सदन में नियम 193 के तहत कांग्रेस के मनीष तिवारी द्वारा सोमवार को वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के संबंध में शुरू की गयी चर्चा को आगे बढ़ाया गया।
चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा के सत्यपाल सिंह ने कहा कि प्रकृति को बचाने के लिए हमारी परंपराओं में अनेक चीजें शामिल हैं जिनमें हवा को शुद्ध करने के के लिए यज्ञ भी वर्षों से किये जाते रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह वृक्ष लगाने पर जोर दिया जाता है, उसी तरह सरकार को वायु प्रदूषण कम करने के लिए यज्ञ पर प्रयोग करने चाहिए। सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार की उज्ज्वला योजना के तहत आठ करोड़ घरों को एलपीजी कनेक्शन दिये जाने से वायु प्रदूषण कम करने की दिशा में काम हुआ है क्योंकि अगर इतनी बड़ी संख्या में घरों में दोनों समय अब भी चूल्हे पर लकड़ी जलाकर खाना बन रहा होता तो हवा कितनी जहरली होती, यह अनुमान लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार अक्षय ऊर्जा उत्पादन बढ़ाने की दिशा में सतत प्रयासरत है।
भाजपा के ही संजय जायसवाल ने वायु प्रदूषण कम करने के सुझाव देते हुए कहा कि जब तक स्थाई समाधान नहीं निकलता तब तक सरकार को कृत्रिम बारिश (क्लाउड सीडिंग) कराने की दिशा में काम करना चाहिए। उन्होंने प्रदूषण करने वाले उद्योगों को कम करने की सलाह दी तथा बायोगैस संयंत्र बड़ी संख्या में लगाने पर जोर दिया। जायसवाल ने लंदन शहर का उदाहरण दिया जहां 1952 में प्रदूषण चरम स्तर पर था, लेकिन आज शहर की हवा पूरी तरह साफ है।
आम आदमी पार्टी के भगवंत मान ने कहा कि अगर पराली जलाने से प्रदूषण बढ़ता है तो पंजाब के किसानों को धान के बजाय मक्का, बाजरा और दलहन की वैकल्पिक फसलें करने के लिए क्यों नहीं प्रोत्साहित किया जाता। उन्होंने कहा कि अगर किसानों को वैकल्पिक फसल से होने वाले नुकसान की भरपाई की जाए तो वे इसे खुशी से स्वीकार करेंगे। मान ने कहा कि पराली से बिजली बनाने की परियोजनाओं पर भी कुछ नहीं हो रहा है।
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के हनुमान बेनीवाल ने भी पराली से बिजली बनाने पर जोर दिया और राष्ट्रीय राजधानी से उद्योगों को बाहर स्थापित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि इस विषय पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। अपना दल की अनुप्रिया पटेल ने कहा कि पराली जलाना प्रदूषण का एकमात्र कारण नहीं है। इसके अलावा निर्माण कार्यों, लकड़ी एवं कोयला जलाने, मोटर वाहनों के धुएं, कचरे आदि से अधिक प्रदूषण फैलता है। उन्होंने कहा कि समग्र रूप से इन कारणों से निपटना होगा।
अनुप्रिया ने पूछा कि दिल्ली में ठोस कचरा निस्तारण की क्षमता बढ़ाने के संबंध में संसदीय स्थाई समिति की 2018 की सिफारिशों पर क्या कदम उठाये गये? उन्होंने कहा कि जिस तरह देश स्वच्छता के खिलाफ जागरुक हुआ है, उसी तरह प्रदूषण के खिलाफ भी जागरुकता लानी होगी तथा जनता को सरकार के साथ इस काम में सहभागी बनना पड़ेगा। जदयू के कौशलेंद्र कुमार ने मौसम में असंतुलन और जलवायु परिवर्तन पर भी ध्यान देने की मांग की।
उन्होंने अधिक से अधिक पेड़ लगाने की जरूरत बताई। भाजपा के राजीव प्रताप रूड़ी ने कहा कि जहरीली होती हवा को कम करने के लिए बार बार उच्चतम न्यायालय को निर्देश देना पड़ता है, इससे चिंता होती है कि हम इस काम में कहीं चूक गये। उन्होंने मांग की कि संसद में एयर प्यूरीफायर लगाया जाए ताकि सांसद भी हवा में प्रदूषण के स्तर से वाकिफ रहें।
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