बालासोर में डीआरडीओ द्वारा विकसित हॉवित्जर तोप का सफल परीक्षण, दुनिया में सिर्फ भारत के पास है ये हथियार

बालासोर में डीआरडीओ द्वारा विकसित हॉवित्जर तोप का सफल परीक्षण, दुनिया में सिर्फ भारत के पास है ये हथियार
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एटीएजीएस प्रोजेक्ट डायरेक्टर, डीआरडीओ के शैलेन्द्र गाडे ने कहा कि यह यह दुनिया की सबसे अच्छी बंदूक है, कोई दूसरा देश ऐसा गन सिस्टम विकसित नहीं कर पाया है।

ओडिशा के बालासोर में चांदीपुर फ़ायरिंग रेंज से रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित होवित्जर एडवांस टावर आर्टिलरी गन सिस्टम (एटीएजीएस) का परीक्षण किया गया है।

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, एटीएजीएस प्रोजेक्ट डायरेक्टर, डीआरडीओ के शैलेन्द्र गाडे ने कहा कि यह यह दुनिया की सबसे अच्छी बंदूक है, कोई दूसरा देश ऐसा गन सिस्टम विकसित नहीं कर पाया है।

वहीं डीआरडीओ के अनिल मोरगांवकर ने बताया कि इस बंदूक को डिजाइन किया गया था और इसे तीन साल के भीतर परीक्षण के लिए रखा गया था। बहुत जल्द ही, इस बंदूक को पीएसक्यूंआर (PSQR) परीक्षणों के अधीन किया जाएगा। हम उम्मीद कर रहे हैं कि तोपखाने प्रणाली के वर्ग में भारत की सबसे बड़ी उपलब्धि होगी।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ये एडवांस टावर आर्टिलरी गन 48 किलोमीटर दूर तक बिल्कुल सटीक तरीके से टारगेट हिट करने में सक्षम है। वहीं यह तोप खुद से 25 किलोमीटर प्रति घंटा मूव कर सकती है। यह 52 कैलिबर राउंड्स लेती है।

चीन से निपटने में तो ये तोपें काफी कारगर साबित हो सकती हैं। बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में भारत चीन से लगते बॉर्डर पर अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में इन तोपों को तैनात किया जा सकता है।

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