दम घाेट रही हवा : राजधानी समेत इन शहरों में सांस लेना भी मुश्किल

दम घाेट रही हवा : राजधानी समेत इन शहरों में सांस लेना भी मुश्किल
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केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 7 मार्च को कुल 134 शहरों में प्रदूषण की स्थिति का व्यापक विश्लेषण कर दैनिक डेटा जारी किया गया है। जिसके हिसाब से दिल्ली समेत 15 शहरों में वायु प्रदूषण को खराब की श्रेणी में शुमार किया गया है।

वायु प्रदूषण को लेकर देश में हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे। शनिवार को भी दर्जनभर से अधिक शहरों में इसे लेकर स्थिति काफी चिंताजनक बनी रही, जिसमें राजधानी दिल्ली भी शामिल है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 7 मार्च को कुल 134 शहरों में प्रदूषण की स्थिति का व्यापक विश्लेषण कर दैनिक डेटा जारी किया गया है। जिसके हिसाब से दिल्ली समेत 15 शहरों में वायु प्रदूषण को खराब की श्रेणी में शुमार किया गया है। एक शहर में यह बहुत खराब की श्रेणी में दर्ज किया गया है और मॉडरेट की श्रेणी में सबसे ज्यादा 74 शहर शामिल हुए हैं। बोर्ड द्वारा सभी शहरों में प्रदूषण में इजाफा करने में सबसे ज्यादा भूमिका पीएम 2.5, पीएम 10 और ओ 3 जैसे कारकों की बताई गई है। प्रदूषण की उक्त तीनों श्रेणियां जैसे खराब, बेहद खराब और मॉडरेट आम आदमी के लिए काफी चिंताजनक होती हैं। क्योंकि इनमें लोगों को कई प्रकार की गंभीर स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

इन 15 शहरों में खराब हुए हालात

सीपीसीबी के हिसाब से खराब की श्रेणी में कुल 15 शहर शामिल हुए हैं। इसमें राजधानी दिल्ली में एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 204 दर्ज किया गया है। एक्यूआई का यह आंकड़ा दिल्ली के कुल 36 प्रदूषण निगरानी स्टेशनों के डेटा का विश्लेषण करने से बोर्ड को मिली है। इसके अलावा गाजियाबाद में 213, ग्रेटर नोएडा में 204, सिंगरौली में 228, सिलीगुड़ी में 205, वाराणसी में 204, पटना में 217, मंडी गोविंदगढ़ में 218, कल्याण में 243, हाजीपुर में 250, दुर्गापुर में 239, भिवाड़ी में 237, बृजराजनगर में 258, अहमदाबाद में 210 और अंकलेश्वर में 213 पर बना हुआ है। बोर्ड का कहना है कि इन सभी दर्जनभर से अधिक शहरों में प्रदूषण को दमघोंटू बनाने के पीछे पीएम 2.5, पीएम 10 और ओ3 जैसे कारकों का सर्वाधिक योगदान है। इसके अलावा सीपीसीबी ने गुजरात के वत्व शहर को प्रदूषण की बहुत खराब की श्रेणी में शामिल किया है। यहां एक्यूआई 353 दर्ज किया गया है, जिसे बढ़ाने में सबसे ज्यादा पीएम 10 कारक जिम्मेदार है।

मॉडरेट श्रेणी में उछाल बरकरार, हरियाणा के शहर भी शामिल

प्रदूषण की मॉडरेट श्रेणी में सबसे ज्यादा कुल 74 शहरों को शामिल किया गया है। आगरा, अगरतला, आईजोल, आसनसोल, बागपत, गुरुग्राम, बहादुरगढ़, बल्लभगढ़, भटिंडा, भिवानी, ग्वालियर, भोपाल, चड़ीगढ़, चंद्रपुर, चरखी दादरी, देवास, धारूहेड़ा, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गांधीनगर, गोवाहाटी, हिसार, हापुड़, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, हैदराबाद, जयपुर, कैथल, कटनी, कोल्लम, कोहिमा, कोटा, लुधियाना, मानेसर, मेरठ, नारनौंल, नवी मुंबई, नोएडा, रोहतक, सागर, सोनीपत जैसे शहर इसमें शामिल हैं।

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