Dusshera 2020: RSS प्रमुख मोहन भागवत ने चीन को दी कड़ी चेतावनी, बोले - हम सभी से चाहते मित्रा, इसका मतलब ये नहीं कि हम हैं दुर्बल

Dusshera 2020: RSS प्रमुख मोहन भागवत ने चीन को दी कड़ी चेतावनी, बोले - हम सभी से चाहते मित्रा, इसका मतलब ये नहीं कि हम हैं दुर्बल
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दशहरा के मौके पर आरएसएस प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने भारत की ओर लगातार नापाक दृष्टि गड़ाये चीन को कड़ी चेतावनी दी।

दशहरा के मौके पर आरएसएस प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने भारत की ओर लगातार नापाक दृष्टि गड़ाये बैठे चीन को कड़ी चेतावनी देने की कोशिश की गई। उन्होंने कहा कि हम सभी पड़ोसी देशों से मित्रता चाहते है। इसका यह मतलब नहीं है कि यह हमारी कोई दुर्बलता है।

महाराष्ट्र स्थित नागपुर के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) मुख्यालय में महर्षि व्यास सभागार में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत व अन्य नेताओं ने रविवार को वार्षिक दशहरा समारोह में हिस्सा लिया। इस दौरान वहां कोई भीड़-भाड़ नहीं रही। क्योंकि कोविड-19 महामारी की वजह से सभागार के अंदर केवल 50 स्वयंसेवकों को ही मौजूद रहने की अनुमति दी गई है।

इस मौके पर सभा को संबोधित करते हुये आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने चीन को भी कड़ी चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया ने देखा है कि कैसे चीन भारत के क्षेत्र में अतिक्रमण कर रहा है। चीन के विस्तारवादी व्यवहार से हर कोई वाकिफ है। चीन कई देशों-ताइवान, वियतनाम, यूएस, जापान व भारत के साथ लड़ रहा है। वहीं मोहन भागवत ने दावा किया कि पर चीन भारत की प्रतिक्रिया से घबरा गया है।

इससे आगे आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भारत के रक्षा बल व हमारे नागरिक चीन के हमले के सामने दृढ़ता से खड़े हैं। मोहन भागवत ने कहा कि यह भारत के रक्षा बल व हमारे नागरिको के दृढ़ संकल्प व वीरता को प्रदर्शित करता है। वहीं मोहन भागवत ने कहा कि इससे चीन को सामरिक व आर्थिक दोनों दृष्टिकोण से एक अप्रत्याशित झटका लगा है। उन्होंने कहा कि हमें नहीं पता कि इसको लेकर चीन कैसे प्रतिक्रिया देगा। इसलिए हमें हर समय सतर्क रहने की जरूरत है।

इस दौरान मोहन भागवत ने सीएए को लेकर मुस्लिम समुदाय में फैली भ्रांति को भी दूर करने का प्रयास किया गया। उन्होंने कहा कि सीएए किसी भी विशिष्ट धार्मिक समुदाय का विरोध नहीं करता है। फिर भी कुछ लोगों द्वारा इस कानून का विरोध किया व हमारे मुस्लिम भाइयों को उनके झूठे प्रचार से गुमराह किया गया। सीएए कानून मुस्लिम आबादी को प्रतिबंधित करने के लिए लाया गया था। इन्हीं कारणों की वजह से पूर्व में सीएए कानून को लेकर विभिन्न विरोध प्रदर्शन हुए। इस दौरान मोहन भागवत ने कोरोना महामारी को लेकर भी अपनी बातें रखी।

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