Economic Survey 2020: जानें आर्थिक सर्वेक्षण पेश होने से पहले क्या थीं इससे जुड़ी 5 अहम बातें

Economic Survey 2020: जानें आर्थिक सर्वेक्षण पेश होने से पहले क्या थीं इससे जुड़ी 5 अहम बातें
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Economic Survey 2020: संसद का बजट सत्र आज 31 जनवरी से शुरू हो रहा है। 31 जनवरी को मुख्य आर्थिक सलाहकार के.वी सुब्रमण्यम आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट जारी करेंगे।

Economic Survey 2020: बजट सत्र आज से शुरू हो रहा है। बजट से पहले सदन में आर्थिक सर्वेक्षण जारी किया जाएगा। संसद का बजट सत्र राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के संयुक्त भाषण के बाद शुरू किया जाएगा। राष्ट्रपति कोविंद सुबह 11 बजे संसद के सेंट्रल हॉल में भाषण देंगे।

जानकारी के लिए बता दें कि 31 जनवरी को मुख्य आर्थिक सलाहकार के.वी सुब्रमण्यम आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट जारी करेंगे। उसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को केंद्रीय बजट 2020-21 पेश करेंगी। बजट पेश करने से पहले 2019-2020 के लिए आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट जारी की जाएगी।

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ये हैं आर्थिक सर्वेक्षण से जुड़ी 7 अहम बातें

1. वित्त मंत्री के मुख्य आर्थिक सलाहकार ही आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट जारी करते हैं। सभी की निगाहें मौजूदा वित्त वर्ष के लिए आर्थिक सर्वेक्षण पर होंगी, जो पूरे वर्ष के आर्थिक प्रदर्शन पर एक विस्तृत रिपोर्ट होगी।

2. इस रिपोर्ट में बीते वर्ष की आर्थिक स्थिति की रिपोर्ट का आकलन किया जाता है कि सरकार की योजनाओं, नीतिगत चुनौतियों और आवश्यक सुझाव जैसे तमाम मुद्दों की रिपोर्ट दी जाती है।

3. इस रिपोर्ट के आधार पर मुख्य आर्थिक सलाहकार भी नीतिगत बदलावों की सिफारिश कर सकते हैं। यह देश में आर्थिक मामलों की स्थिति से आम लोगों को अवगत कराता है।

4. इस रिपोर्ट के जरिए सरकार के प्रमुख आर्थिक फैसलों के बारे में जागरूक करता है, जो आम लोगों के जीवन को काफी हद तक प्रभावित करता है। इस वक्त अर्थव्यवस्था लंबे समय तक मंदी के दौर से गुजरी है तो ऐसे में रिपोर्ट चौंकाने वाली हो सकती है।

5. सरकार ने सितंबर तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 4.5 प्रतिशत से कम 4.5 प्रतिशत से अधिक और उपभोक्ता मुद्रास्फीति दिसंबर में 7.35 प्रतिशत तक पहुंच का आकलन किया था। 2014 के बाद से सबसे खराब स्तर दर्ज हुआ है। आर्थिक स्थिति को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने सुस्त अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने और उपभोक्ता मांग और निवेश को सीमित करने के लिए सीमित किया है।

पिछले साल आर्थिक सर्वेक्षण में सरकार ने 2024-25 तक भारत को 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा था। 824 प्रतिशत जीडीपी विकास दर हासिल करने के महत्वाकांक्षी एजेंडे को सरकार लगातार दोहरा रही है। मुख्य आर्थिक सलाहकार को आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20 में पेश करना है। उन्हें वर्तमान आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखना होगा और साथ ही साथ पीएम मोदी के 5 ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य से भी पीछे नहीं हटना होगा।

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