Cyclone Midhili: तेजी से आगे बढ़ रहा चक्रवात मिधिली, इन राज्यों में अलर्ट, दिल्ली में भी बरसेंगे बदरा

Cyclone Midhili: तेजी से आगे बढ़ रहा चक्रवात मिधिली, इन राज्यों में अलर्ट, दिल्ली में भी बरसेंगे बदरा
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Cyclone Midhili: बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती तूफान मिधिली बन गया है। यह धीरे-धीरे उत्तर और उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ रहा है। इसका असर कई राज्यों में देखने को मिलेगा। वहीं, राजधानी में भी जमकर बादल बरसेंगे।

Cyclone Midhili: बंगाल की खाड़ी के ऊपर गहरा दबाव चक्रवात मिधिली में बदल गया है। धीरे-धीरे यह ओडिशा और बंगाल तट की ओर आ रहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इसकी लोकेशन दीघा से 200 किमी दक्षिण और दक्षिण पूर्व में है। इस चक्रवात के प्रभाव से शुक्रवार को तटीय जिलों में भारी बारिश भी हो रही है। वहीं, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कई इलाकों में भी बारिश होने से लोगों को वायु पॉल्यूशन की समस्या से निजात मिल जाएगी।

चक्रवात में बदला मिधिली

17 नवंबर यानी शुक्रवार को भुवनेश्वर और बालासोर के बीच पाराद्वीप तट के पास यह निम्न दबाव चक्रवात में बदल गया। इसके बाद यह तट के साथ-साथ उत्तर और उत्तर-पूर्व यानी बांग्लादेश की ओर बढ़ेगा। इसके शुक्रवार रात या शनिवार सुबह बांग्लादेश के सुंदरवन क्षेत्र में प्रवेश करने की संभावना है। खेपू पारा और मोंगला के बीच प्रवेश के समय इसकी गति 80-85 किमी प्रति घंटा हो सकती है। इसकी वजह से बंगाल में पूरे दिन आसमान में बादल छाए रहने की संभावना है।

इस बीच, मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है। मछुआरों के उत्तरी बंगाल की खाड़ी में प्रवेश पर 18 नवंबर तक प्रतिबंध लगा दिया गया है। पर्यटकों को भी समुद्र में जाने की मनाही है। इसका असर झारखंड एवं बिहार के सीमांचल इलाकों पर भी पड़ना तय है। हवा की रफ्तार इस दौरान 60 से 70 किमी प्रतिघंटे की होगी। समुद्र में ऊंची लहरें उठ सकती हैं।

दिल्ली सरकार कराएगी आर्टिफिशियल रेन

दिल्लीवालों को जल्द ही वायु प्रदूषण से राहत मिलने की उम्मीद है। दिल्ली-एनसीआर ही जहरीली होती हवा को देखते हुए केजरीवाल सरकार ने 20 नवंबर को कृत्रिम बारिश कराने का फैसला लिया है। इसके लिए IIT कानपुर ने ट्रायल किया था। ट्रायल के बाद इसकी रिपोर्ट दिल्ली सरकार को सौंपी भेजी गई। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि कृत्रिम बारिश की मदद से प्रदूषण पर कुछ हद तक नियंत्रण पाया जा सकेगा। हालांकि, पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं कुछ कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।

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