Blackout In Chandigarh: अंधेरे में डूबा चंडीगढ़, 72 घंटे बाद बिजली कर्मियों ने वापस ली हड़ताल, जानें मामला

Blackout In Chandigarh: अंधेरे में डूबा चंडीगढ़, 72 घंटे बाद बिजली कर्मियों ने वापस ली हड़ताल, जानें मामला
X
चंडीगढ़ में बिजली कर्मचारी 36 घंटे बाद काम पर लौटे। शहर के कुछ हिस्सों में ट्रैफिक लाइट ने भी काम करना बंद कर दिया था। जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

पंजाब और हरियाणा (Punjab and Haryana) की राजधानी कहे जाने वाले चंडीगढ़ (Chandigarh) शहर में बिजली कर्मचारी हड़ताल (Electricity Workers Strike) पर क्या गए, आधे से ज्यादा शहर में बत्ती गुल हो गई। पूरे चंडीगढ़ में अफरातफरी का माहौल बना रहा। लेकिन होईकोर्ट की फटकार के बाद हड़ताल पर गए कर्मचारी वापस लौटे। बिजली कर्मचारी 36 घंटे बाद काम पर लौटे। शहर के कुछ हिस्सों में ट्रैफिक लाइट ने भी काम करना बंद कर दिया था। जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 36 घंटे के ब्लैकआउट के बाद बिजली विभाग के कर्मचारियों की हड़ताल समाप्त होने के बाद बुधवार शाम को चंडीगढ़ में बिजली की बहाली हो गई। प्रशासन ने हरियाणा-पंजाब और हिमाचल से भी मदद मांगी थी। बिजली ठप होने की वजह से अस्पताल, स्कूल, ऑफिस, ट्रैफिक व्यवस्था और घरों में भी अंधेरा छाया रहा।

जानकारी के लिए बता दें कि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने बिजली विभाग की इस हड़ताल को लेकर कड़ी नाराजगी जताई और इस मामले पर केंद्र शासित प्रदेश के मुख्य अभियंता को तलब किया गया। कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाते हुए हड़ताल वापस लेने के लिए कहा। कोर्ट की फटकार के तुरंत बाद ही बिजली विभाग के कर्मचारियों ने हड़ताल खत्म कर दी।

होईकोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि यह हमारे संज्ञान में लाया गया है कि चंडीगढ़ शहर के बड़े हिस्से में बिजली आपूर्ति बाधित है। हम इस मामले को न्यायिक पक्ष में उठाने के लिए मजबूर हुए हैं। वहीं प्रशासन की ओर से कोर्ट में मौजूद वकील ने सफाई देते हुए कहा कि हड़ताल कर्मचारियों द्वारा तोड़फोड़ की हरकतों के कारण बिजली संकट पैदा हुआ। अब एस्मा को 6 महीने के लिए लागू कर दिया है। आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम को ही एस्मा कहा जाता है।

Tags

Next Story