France Visit: भारत और फ्रांस मिलकर नई पीढ़ी के लिए बनाएंगे Military equipment, राजदूत Emmanuel Lenain ने दी जानकारी

France Visit: भारत और फ्रांस मिलकर नई पीढ़ी के लिए बनाएंगे Military equipment, राजदूत Emmanuel Lenain ने दी जानकारी
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New Delhi: भारत और फ्रांस (India and France) अपने दीर्घकालिक रोड मैप के हिसाब से नई पीढ़ी के सैन्य उपकरणों और तकनीक को विकसित करने के लिए सहमती बनाई हैं। यहां पढ़िए पूरी खबर...

New Delhi: भारत और फ्रांस (India and France) अपने दीर्घकालिक रोड मैप के हिसाब से नई पीढ़ी के सैन्य उपकरणों और तकनीक को विकसित करने के लिए सहमति बनाई हैं। बीते 13 और 14 जुलाई को की गई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की फ्रांस यात्रा के दौरान दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों के बीच संबंधों को बढ़ाने के लिए एक स्वाभाविक राजनीतिक सहमति बनी थी। यह जानकारी मंगलवार को मीडिया ब्रीफिंग में फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लेनैन (Emmanuel Lenain) ने दी है। उन्होंने कहा कि पीएम की राष्ट्रपति मैक्रों के अलावा पेरिस में फ्रांसीसी संसद के सीनेट के अध्यक्ष जेरार्ड लॉर्चर (Gerard Lorcher) और फ्रांस की नेशनल असेंबली के अध्यक्ष येल पिवेट और प्रधानमंत्री एलिजाबेथ बोर्न (Elizabeth Bourne) से हुई मुलाकात के बाद दोनों देशों के बीच एक वास्तविक राजनीतिक सहमति बनी। सभी लोग बेहद सहयोगी थे और यही हमारी भागीदारी का ट्रेडमार्क है। पीएम मोदी की यात्रा में दोनों पक्षों ने रक्षा सहित अपने समूचे सामरिक सहयोग को विस्तार देने को लेकर प्रतिबद्धता दोहराई है।

बेहद व्यापक है रक्षा सहयोग

लेनैन ने कहा कि भारत और फ्रांस ने अगली पीढ़ी के सैन्य उपकरणों (Military Equipment) के सह-विकास को लेकर काम करना शुरू कर दिया है। इसके अलावा हम रक्षा क्षेत्र में रोड मैप पर भी काम कर रहे हैं। रक्षा सहयोग किसी एक या दो प्लेटफार्म से काफी आगे है। दोनों देश इसे और अधिक विस्तार देने की ओर देख रहे हैं। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री मोदी की फ्रांस यात्रा दोनों देशों के बीच मौजूद विश्वास और मजबूत भागीदारी पर टिकी हुई है। इसमें साफ तौर पर उक्त दोनों बिंदुओं को लेकर एक बड़ा और अहम संदेश दिया गया है।

जैतापुर परियोजना में प्रगति जारी

महाराष्ट्र के जैतापुर में 1650 मेगावाट की परमाणु ऊर्जा परियोजना (Nuclear Power Project) को लेकर फ्रांस के राजदूत ने कहा कि इसमें कुछ प्रगति हुई है। दोनों पक्ष बाकी बचे हुए मुद्दों का समाधान निकालने के लिए संपर्क में हैं। इसमें सिविल न्यूक्लियर लायबिलिटी, कीमत और तकनीकी वाणिज्यिक आदान-प्रदान से जुड़े हुए मामले भी शामिल हैं। गौरतलब है कि पीएम मोदी की पेरिस यात्रा के दौरान दोनों ने द्विपक्षीय संबंधों को लेकर 25 वर्षीय रोडमैप को स्वीकार करने को लेकर सहमति जताई है। यह 2047 की समय अवधि होगी, जब एक ओर भारत अपनी आजादी की शताब्दी वर्षगांठ मनाएगा। वही दूसरी ओर भारत और फ्रांस अपने कूटनीतिक संबंधों के भी 100 वर्ष पूरे करेंगे। लेनैन ने 25 वर्षीय रोडमैप को बेहद महत्वाकांक्षी बताया है।

हिंद-प्रशांत में बढ़ेगा सहयोग

लेनैन (Lenain) ने कहा कि दोनों देश हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपना सहयोग बढ़ाने को लेकर प्रतिबद्ध हैं। दोनों के राष्ट्र प्रमुखों के बीच हुई बातचीत में हिंद-प्रशांत को लेकर एक रोडमैप भी जारी किया गया है। जिसका उद्देश्य क्षेत्र में अपने सहयोग को मजबूत बनाना है। भारत और फ्रांस एक खुले हुए है स्वतंत्र समावेशी और एक सुरक्षित हिंद-प्रशांत क्षेत्र में विश्वास रखते हैं।

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राफेल, स्कॉर्पीन खरीद को लेकर बातचीत जारी

भारत और फ्रांस (India and France) के बीच 26 राफेल (Raphael) लड़ाकू विमानों और 3 अतिरिक्त स्कॉर्पीन पनडुब्बियों की खरीद को लेकर कीमत और तकनीकी वाणिज्यिक मुद्दों पर बातचीत अभी पूरी नहीं हुई है। पीएम की हालिया संपन्न हुई फ्रांस यात्रा से ठीक पहले रक्षा अधिग्रहण परिषद ने इन दोनों रक्षा सौदों से जुड़े हुए प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी थी। जिसके बाद ये कयास लगाए जा रहे थे कि भारत और फ्रांस के राष्ट्राध्यक्षों की द्विपक्षीय बैठक के बाद जारी किए जाने वाले संयुक्त बयान में इस संबंध में अहम घोषणा की जाएगी। और सौदों की कीमत और वाणिज्यिक मुद्दों पर बातचीत के खत्म होने के बाद ही समझौतों को अंतिम रूप दिया जाएगा। भारत के मझगांव डॉकयार्ड लिमिटेड और फ्रांस के नेवल ग्रुप के बीच स्कॉर्पीन पनडुब्बी परियोजना को लेकर एक फ्रेमवर्क समझौते को अंतिम रूप दिया गया है। इसी तरह से 26 राफेल-एम विमानों की खरीद को लेकर समझौते को तभी अंतिम रूप दिया जाएगा।

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