ईपीएफओ उपभोक्ताओं को दे सकता है बड़ा झटका, पीएफ पर और कम हो सकती है ब्याज दर

ईपीएफओ उपभोक्ताओं को दे सकता है बड़ा झटका, पीएफ पर और कम हो सकती है ब्याज दर
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कोरोना वायरस प्रकोप और लॉकडाउन से प्रभावित अर्थव्यवस्था का असर लोगों की आय के साथ-साथ लगातार उनकी ब्याज आय पर भी पड़ रहा है। आरबीआई द्वारा रेपो रेट में कटौती के बाद से कई छोटे-बड़े बैंक जमाओं पर ब्याज दरों को घटा चुके हैं।

कोरोना वायरस प्रकोप और लॉकडाउन से प्रभावित अर्थव्यवस्था का असर लोगों की आय के साथ-साथ लगातार उनकी ब्याज आय पर भी पड़ रहा है। आरबीआई द्वारा रेपो रेट में कटौती के बाद से कई छोटे-बड़े बैंक जमाओं पर ब्याज दरों को घटा चुके हैं।

यही नहीं, सरकार समर्थित स्मॉल सेविंग स्कीम्स पर भी ब्याज दरों में गिरावट आ रही है। अप्रैल से जून तिमाही के लिए पर्सनल प्रोविडेंट फंड पर ब्याज दर को 0.80 फीसद घटाकर 7.1 फीसद कर दिया गया था। अब जुलाई से सितंबर वाली तिमाही के लिए पीपीएफ की ब्याज दरों में और कटौती होने की संभावना है।

सरकार हर तीन महीने में स्मॉल सेविंग स्कीम की ब्याज दरों को तय करती है। सरकार द्वारा अप्रैल-जून तिमाही के लिए पीपीएफ की ब्याज दर 80 आधार अंक घटाकर 7.1 फीसद तय की गई थी।

अब जुलाई से सितंबर तिमाही के लिए पीपीएफ पर ब्याज दरें तय की जाएंगी। सेबी रजिस्टर्ड निवेश सलाहकार जितेंद्र सोलंकी के अनुसार, अगली तिमाही के लिए सरकार द्वारा पीपीएफ पर ब्याज दरों को घटाए जाने की पूरी संभावना है।

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