NCP Politics: अजित पवार ने 23 साल की उम्र से शुरू की राजनीति, पढ़िये अब तक का सियासी सफर

NCP Politics: अजित पवार ने 23 साल की उम्र से शुरू की राजनीति, पढ़िये अब तक का सियासी सफर
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Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की राजनीति में काफी उथल-पुथल हुई है। अपने चाचा और एनसीपी (NCP) सुप्रीमो शरद पवार (Sharad Pawar) को झटका देते हुए अजित पवार (Ajit Pawar) अब एनडीए (NDA) में शामिल हो गए हैं। नेता प्रतिपक्ष (Leader Opposition) के पद से इस्तीफा देते हुए अजीत अब शिंदे सरकार (Shinde Government) में उपमुख्यमंत्री (Deputy CM) बन चुके हैं। पढ़ें पूरी रिपोर्ट...

Maharashtra Politics: आज महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा उलटफेर हुआ है। कुछ समय पहले तक राज्य की विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे अजित पवार (Ajit Pawar) अब उपमुख्यमंत्री (Deputy CM) की कुर्सी पर विराजमान हो चुके हैं। उनके साथ एनसीपी (NCP) के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल (Praful Patel) और वरिष्ठ नेता छगन भुजबल (Chhagan Bhujbal) भी शिंदे (Shinde Sarkar) सरकार में शामिल हो चुके हैं। साथ ही अजित ये भी दावा कर रहे हैं कि पार्टी के सभी विधायक उनके साथ हैं। इसके अलावा उन्होंने पार्टी के चुनाव चिन्ह पर भी दावा ठोंका है।

23 साल की उम्र में शुरू की थी राजनीति

बता दें कि 63 वर्षीय अजित पवार ने साल 1982 में राजनीति में कदम रखा था। मात्र 23 साल की उम्र में वे चीनी सहकारी बोर्ड के अध्यक्ष चुने गए। इसके बाद वे 1991 में पुणे जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष के रूप में चुने गए और 16 सालों तक इस पद पर कार्यरत रहे। उस समय उनके चाचा शरद पवार सत्तासीन कांग्रेस पार्टी में उभरते हुए चेहरा थे।

बारामती सीट से सांसद भी रह चुके हैं अजित

इस दौरान वे बारामती लोकसभा सीट से पहली बार सांसद चुने गए। बाद में वे राज्य की राजनीति में लौट आए और साल 1995 में बारामती सीट से पहली बार विधायक चुने गए। इसके बाद उन्होंने 1999, 2004, 2009 और 2014 में भी इस सीट का प्रतिनिधित्व किया। जून 1991 में पहली बार अजित पवार सुधाकर राव नाइक की सरकार में कृषि और बिजली मंत्री बनाए गए। 1992 तक वे इस पद पर रहे।

देशमुख सरकार और चव्हाण सरकार में रह चुके हैं मंत्री

साल 1992 में जब शरद पवार महाराष्ट्र की राजनीति में लौटे तो अजित मृदा संरक्षण, बिजली और योजना राज्य मंत्री बनाए गए। 1999 में जब कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन की सरकार बनी और विलासराव देशमुख मुख्यमंत्री बने तो पवार को पदोन्नत करते हुए सिंचाई विभाग में कैबिनेट मंत्री बनाया गया। इसके बाद वे सुशील कुमार शिंदे की सरकार में ग्रामीण विकास विभाग का अतिरिक्त प्रभार दिया गया। 2004 में देशमुख सरकार में और बाद में अशोक चव्हाण सरकार में जल संसाधन की कमान संभाली।

2019 मेें भी डिप्टी सीएम बन चुके हैं अजित

23 नवंबर 2019 को अजित पवार ने अपनी पार्टी की सहमति के बिना भाजपा के साथ महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली, लेकिन वे 80 घंटे से भी कम समय तक इस पद पर रहे थे। देवेन्द्र फडणवीस के नेतृत्व में बनी वो सरकार ज्यादा समय तक चली नहीं। आखिरकार 1 दिसंबर 2019 को यह घोषणा की गई कि 16 दिसंबर को नए सिरे से सरकार का गठन होगा और महाविकास अघाड़ी गठबंधन के तहत अजित पवार डिप्टी सीएम पद की शपथ लेंगे।

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शरद पवार के बड़े भाई के बेटे हैं अजित

गौरतलब है कि अजित पवार महाराष्ट्र में मराठा क्षत्रप के नाम से मशहूर शरद पवार के भतीजे हैं। शरद पवार 11 भाई-बहनों में तीसरे नंबर पर हैं। अजित पवार दूसरे नंबर के भाई अनंतराव पवार की दूसरी संतान हैं। राजनीतिक विश्लेषक बताते हैं कि पुत्री मोह के कारण शरद पवार ने भतीजे अजित को कभी भाव नहीं दिया। उन्होंने हमेशा अपनी बेटी सुप्रिया सुले को आगे बढ़ाने का काम किया। इस कारण अजित पवार ने हमेशा स्वयं को उपेक्षित महसूस किया, जिसका परिणाम आज सामने हैं।

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